बुद्ध पूर्णिमा के दिन आज 80 साल बाद चंद्रग्रहण लगा है। ये साल का पहला चंद्रग्रहण है। हालांकि भारत में इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। बुद्ध पूर्णिमा पर सोमवार को महालक्ष्मी योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग का विशेष योग बन रहा है। पंडित रामजीवन दुबे गुरुजी ने बताया कि वैशाख पूर्णिमा, विशाखा नक्षत्र और वृश्चिक राशि में चंद्रग्रहण लगेगा। ग्रहण काल में चंद्रमा वृश्चिक राशि में होगा, ऐसे में इस ग्रहण के कारण कई बदलाव इस राशि के जातकों के जीवन पर महीनों तक प्रभाव डालेंगे। हालांकि, भारत में चंद्र ग्रहण नजर नहीं आएगा। वहीं, सोमवार को बुद्ध पूर्णिमा आस्था और उत्साह के साथ मनाई जाएगी।
बिना चंद्र दर्शन के पूर्णिमा का व्रत पूर्ण नहीं माना जाता
ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु और धन की देवी लक्ष्मी की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार महात्मा बुद्ध भगवान विष्णु के नौवें अवतार हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन भगवान बुद्ध को वर्षों तक जंगल में भटकने और कठोर तपस्या करने के बाद सत्य का ज्ञान प्राप्त हुआ था। इसके बाद भगवान बुद्ध ने अपने ज्ञान के प्रकाश से पूरी दुनिया को आलोकित किया। ध्यान रहे कि पूर्णिमा का व्रत बिना चंद्र दर्शन के पूर्ण नहीं माना जाता है। इसलिए चंद्र दर्शन के साथ भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए।
ग्रहण की अवधि
इस साल कुल दो चंद्र ग्रहण लगेंगे। पहला 16 मई को और दूसरा 8 नवंबर को लगेगा। 16 मई को लगा यह ग्रहण सुबह 7.58 बजे से शुरू हो चुका है जो 11.25 बजे तक रहेगा। हालांकि यह चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा, लेकिन इस वजह से यहां सूतक काल मान्य नहीं होगा। ग्रहण के समय राहु चन्द्रमा को निगल जाता है और इस कारण चन्द्र देव संकट में पड़ जाते हैं। यही कारण है कि ग्रहण के दौरान कोई भी धार्मिक और शुभ कार्य नहीं किया जाता है।
छह राशियों को होगा भरपूर लाभ
आज (16 मई ) महालक्ष्मी योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग बन रहे हैं। जिसकी वजह से छह राशियों पर मां लक्ष्मी की कृपा बरसाएंगी। इन राशियों में मेष, कन्या, मकर, मीन, सिंह, मिथुन शामिल हैं। इस राशि के लोगों की धन संबंधी परेशानियां दूर होंगी। प्रेम संबंध मजबूत होंगे। व्यापार में चल रही परेशानियां दूर होंगी और आपको सफलता मिलेगी। नई नौकरी मिलने की प्रबल संभावना रहेगी। अधूरे काम पूरे होंगे। समाज में आपकी प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। वहीं दूसरी ओर कर्क, तुला, वृश्चिक, धनु, वृष और कुंभ राशि के लोगों को सावधान रहने की जरूरत है। ग्रहण में सूतक काल न होने पर भी ग्रहण से संबंधित दान अवश्य करना चाहिए। दान और ध्यान का विशेष महत्व है।