लवली कंडारा एनकाउंटर केस-परिजन बोले पूरा एनकाउंटर फर्जी था, किए कई बड़े खुलासे

एनकाउंटर के समय, एफएसएल रिपोर्ट सहित कई जगहों पर की गई लीपापोती, पुलिस और सीआईडी जांच में मिलीभगत का आरोप

जोधपुर। बहुत चर्चित लवली कंडारा एनकाउंटर मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। सीबीआई की टीम जोधपुर पहुंच चुकी है और इसकी जांच शुरू कर दी है इसी के बीच लवली कंडारा की की माताजी उषा देवी एवं केस के वकील योगेंद्र कुमार शर्मा, विक्रम सिंह आढ़ा, अजीत सिंह चौधरी ने प्रेस वार्ता कर कई बड़े दावे किए हैं जिसमें बताया गया है कि यह पूरा एनकाउंटर फेक था और लवली कंडारा की हत्या की गई थी। प्रेस वार्ता में बताया कि लवली कंडारा को तीन गोलियां सीने पर मारी गई थी लेकिन रिकॉर्ड में दो गोली मारना ही बताया गया है जबकि पोस्टमार्टम के वीडियो के अनुसार साफ दिखाई दे रहा है कि लवली कंडारा को सीने पर तीन गोलियां मारी गई थी वही 13 अक्टूबर 2021 को थानाधिकारी लीलाराम ने लवली कंडारा का पीछा किया और गोली मार दी जबकि थानाधिकारी लीलाराम लवली कंडारा के खिलाफ केस में जांच अधिकारी नही थे लवली कंडारा के विरुद्ध दर्ज मुकदमे में अन्वेषण अधिकारी उप निरीक्षक प्रह्लाद सहाय थे लेकिन प्रहलाद सहाय एवं सरकारी गाड़ी उस समय थाने पर यह मौजूद थी बिना सरकारी गाड़ी लिए लीलाराम स्वयं अपने व्यक्तिगत स्तर पर निजी दुश्मनी निकालने के लिए तीन पुलिस कर्मियों को बिना वर्दी में तथा एडीसीपी भागचंद मीणा के साथ आए कांस्टेबल अंकित कुमार की रिवाल्वर को बिना इशू करवाए उससे मांग कर लवली कंडारा की हत्या कर दी। थानाधिकारी लीलाराम ने 5:42 पर डीगाड़ी फांटा बनाड़ के रास्ते पर गोली मारी थी परंतु इसे ड्यूटी पर किया कार्य बताने के लिए रोजनमचा आम में 5:58 पर एक झूठी प्रविष्टि कर रवानगी दिखाई गई।

रोजानामचा आम में झूठी प्रविष्टि दर्ज की गई जिसमें बताया गया कि लाइट चली जाने के कारण यह प्रविष्टि 4.40 के स्थान पर 6:29 पर डाली गई है वास्तव में दिगर कार्य पर प्रह्लाद सहाय एवं अन्य को सरकारी गाड़ी के साथ जाकर किया जाना बताया गया उसे भी लवली की गोली मारकर हत्या करने के बाद झूठी रोजनमचा आम में प्रविष्टि कर जायज ठहराने का प्रयास किया गया जो की मिथ्या व झूठी है क्योंकि उसे दिन जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने साफ किया है कि उस दिन एक बार भी लाइट गई ही नहीं थी। पुलिस की कहानी को झूठी बताते हुए अधिवक्ताओं ने बताया कि शाम 5:42 पर ही गोली लवली कंडारा को मार दी गई थी उसकी एफआईआर मृतक के परिवार वालों को साथ लेकर क्यों दर्ज नहीं की गई जबकि माननीय उच्च न्यायालय ने मामलों में स्पष्ट 16 बिंदुओं की गाइडलाइन में निर्देश दिया कि जो भी पुलिस अधिकारी या कर्मचारी यदि किसी मुखबिर की सूचना पर मुलजिम को तलाश या दस्तयाबी के लिए जाएगा तो उसकी रवानगी की रोजानमचा आम, केस डायरी या इलेक्ट्रॉनिक संदेश के रूप में उच्च अधिकारी को प्रेषित करने के बाद ही जा सकता है यदि किसी को गोली लगती है या इसका एनकाउंटर होता है तो उसके परिवारजन से तत्काल लिखित प्रार्थना पत्र प्राप्त कर एफआईआर दर्ज करेगा परंतु यहां लीलाराम ने मृतक के परिजनों की एफआईआर ना तो दर्ज की और ना ही 2023 तक दर्ज होने दी ऐसे कई तथ्य है जिसमें साफ-साफ दिखाई दे रहा है कि लवली कंडारा की हत्या की गई थी एवं कई तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया और सबूत को मिटाया गया था।

सीबीआई की कार्यप्रणाली पर भी रोष जताया 

लवली कंडारा के परिजनों ने बताया कि हम सीबीआई की जांच में तब तक ना तो उपस्थित होंगे ना ही सहयोग करेंगे जब तक कि वह पुलिस थाना नागोरी गेट से अपना कार्यालय किसी सिविल एवं स्वतंत्र स्थान पर स्थापित नहीं कर देते हैं क्योंकि जोधपुर पुलिस के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरुद्ध ही जांच है तो उनके ही परिसर के उपयोग में जांच पक्षपात पूर्ण हो सकती है।

लवली कंडारा के परिवार ने प्रेस वार्ता में बताया कि हम सत्य को सामने लाने के लिए लंबी लड़ाई लड़ने को तैयार है एवं सीबीआई को पूरा सहयोग करेंगे लेकिन सीबीआई को नागोरी गेट थाने में अपना कार्यालय नहीं बनना चाहिए।

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