कासगंज। अपर मुख्य न्यायाधीश मजिस्ट्रेट खान जीशान मसूद के न्यायालय ने दूध में मिलावट के नामजद दो आरोपियों को दोष मुक्त कर दिया। नगर पालिका परिषद कासगंज के तत्कालीन खाद्य निरीक्षक पर्याप्त साक्ष्य नहीं दे सके। नगर पालिका के तत्कालीन खाद्य निरीक्षक ने ग्राम कलियानपुर निवासी दूध वितरक टीकम सिंह से बिलराम गेट पर नियमानुसार दूध का सैंपल लिया था। सैंपल लिए जाते समय दूध वितरक टीकम सिंह ने स्वयं को तनवीर अहमद मदनी निवासी मुहल्ला नवाब कासगंज का नौकर होना बताया तथा तनवीर अहमद का दूध होना बताया। जन विश्लेषक मेरठ को जांच के लिए भेजे सैंपल की रिपोर्ट में दूध में मिलावट होना पाया गया तथा दूध में 24 प्रतिशत फैट कम होना पाया गया। दैनिक महका संसार को प्राप्त जानकारी के अनुसार मेरठ से प्राप्त हुई रिपोर्ट के आधार पर खाद्य निरीक्षक ने तनवीर अहमद व टीकम सिंह उपरोक्त के विरुद्ध पीएफ एक्ट की धारा-7/16 के तहत न्यायालय में परिवाद पत्र प्रस्तुत किया।
आरोपियों ने न्यायालय आकर आरोप से इनकार किया तथा परीक्षण की मांग की। साक्ष्य के रूप में परिवादी खाद्य निरीक्षक वाईए .खान ने स्वयं को परीक्षित कराया, महका संसार लेकिन वह आरोपियों के अधिवक्ता की ओर से की गई जिरह में कोई संतोषजनक साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर सके। वह टीकम सिंह को तनवीर अहमद मदनी का नौकर होना भी सिद्ध नहीं कर सके। इसके बाद कोर्ट ने उनके बंधन पत्र निरस्त कर दिए। दोनों आरोपियों को 20-20 हजार के स्वयं के तथा इतनी ही धनराशि की दो- दो प्रतिभूगण न्यायालय में प्रस्तुत करेंगे। मामले की अपील होने पर उपस्थित होंगे। बंधपत्र छह माह तक प्रभावी रहेंगे।