कुछ लोग अपने हितों को साधने हेतू उल्टी सीधी खबर चला रहे है जब कि आनंदा दूध और पनीर का कोई सैंपल फैल नही हुआ है
बुलंदशहर। आजकल किसी भी कंपनी को बदनाम करना बहुत आसान बना दिया है इसी तरह कुछ मिडिया संस्थान भी अपने स्वार्थ के अनुसार ही उल्टी सीधी खबर चलाकर कंपनी को बदनाम करने की साजिश करते है। ऐसा ही मामला सामने आया है कि एक समाचार पत्र ने कल ही कई ग्रुप्स में पोस्ट डाली थी और उसमे बताया गया था कि स्याहा आनंदा डेयरी का दूध और पनीर खाने लायक नही है, बुलंदशहर खाद्य विभाग की रिपोर्ट में नमूने हुए फैल, इस तरह की खबर लगाकर लोगो को भ्रमित किया गया है और ऐसे लोग मिडिया को बदनाम कर रहे है और कम्पनी के एमडी ने ऐसे लोगो के खिलाफ कार्यवाही की ठान ली है जो मिडिया में उल्टी सीधी खबर प्रकाशित कर कम्पनी को ब्लैकमेल करने का प्रयास कर रहे है।
खाद्य सुरक्षा विभाग ने पत्र जारी किया, कहा दूध और पनीर में मिलावट नही
जब कई समाचार पत्रों ने आनंदा दूध में मिलावट की खबरे प्रकाशित की तो आनंदा डेयरी के मैनेजर हरीश मित्तल ने विभाग से स्पष्ट करने के लिए एक पत्र लिखा उस पत्र के जवाब में विभाग ने हरीश मित्तल को बताया कि पिछले एक वर्ष से आनंदा ब्रांड का कोई भी दूध या दुग्ध पदार्थ का नमूना फैल नही हुआ है और हाल ही में चलाए गए अभियान के तहत 28 मई को लिए गए नमूनों की जांच रिपोर्ट अभी आई नही है जो लखनऊ की खाद्य प्रयोगशाला में लंबित है नमूने फैल होने या कोई अन्य जानकारी विभाग द्वारा किसी मिडिया संस्थान को नही दी गई है। इसका सीधा सा मतलब है कि कुछ मिडिया संस्थान द्वारा चलाई गई खबरे झूठी है।
क्या कहा कंपनी के प्रतिनिधियों ने
हमने एक विनम्र शुरुआत से आज जिस मुकाम पर हम हैं, हमारी अनूठी बढ़त, इस बात का प्रमाण हैं की हम मिसाल पेश करके आगे बढ़ते हैं।और जनता की सेहत का ध्यान रखना हमारा उद्देश्य है
राधे श्याम दीक्षित,अध्यक्ष, आनंदा डेयरी
आनंदा डेयरी में हम एक निष्ठावान, समर्पित और प्रेरित टीम हैं, जो कि उच्च गुणवत्ता के दूध की खरीद, दुग्ध प्रसंस्करण, अच्छी गुणवत्ता वाले दूध और दूध पदार्थों की उत्पादन और आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रशिक्षित हैं। हमारे उत्पाद और कार्य प्रणाली ग्राहक संतुष्टि के उच्चतम स्तर को प्राप्त करने के लिए संविदात्मक और कानूनी आवश्यकताओं का अनुपालन करते हैं।
सूरज दीक्षित, निदेशक, आनंदा डेयरी
महका संसार दिखाता है सिर्फ सच, इसलिए हमारी खबरों पर सभी विश्वास करते है पिछले 25 वर्षो से हम लोगो के विश्वास पर खरे उतरे है हम हर खबर की पहले विभागीय पुष्टि करते है खबर की पूरी जांच करते है उसके बाद ही हम खबर को प्रकाशित करते है। क्योंकि समाचार पत्र चलाना एक जिम्मेदारी का काम है लेकिन कुछ लोगो ने समाचार पत्र को लोगो को परेशान करने और अवैध कमाई का जरिया बना लिया है। कोई भी समाचार पत्र भ्रामक और झूठी खबर चलाता है या पैसे की मांग करता है तो इसकी शिकायत पुलिस के साथ साथ दिल्ली स्थित प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया में भी इसकी शिकायत की जा सकती है।
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