डीडवाना : 8 साल के रिजवान ने रखा जिंदगी का पहला रोजा

पूरे दिन भूखा प्यासा रह कर दिया सब्र का इम्तिहान 

इस्लाम धर्म का सबसे पवित्र महीना रमजान का दूसरा अक्षरा जारी है। रमजान में एक तरफ बड़े बुजुर्ग और औरते रोजे रख रहे हैं, वहीं छोटे बच्चे भी रोजा रखकर अपने सब्र का इम्तिहान दे। इसी क्रम में मिठड़ी के रमजान काजी के 8 वर्षीय पोत्र मोहम्मद रिजवान ने आज अपनी जिंदगी का पहला रोजा रखकर अपने सब्र की नुमाइश की। रिजवान ने सहरी के वक्त रोजा की नियत कर ली और पूरे दिन बिना कुछ खाए-पीए भूखा रहकर अपने सब्र का परिचय दिया। शाम को इफ्तार के वक्त रोजा खोलकर खुदा का शुक्रिया अदा किया।

उल्लेखनीय है कि इस्लाम धर्म के सबसे अफजल माने जाने वाले इस महीने में इस्लाम के अनुयायी पूरी शिद्दत से रोजे का ऐहतराम करते है, वहीं छोटे छोटे बच्चों को भी रोजा रखवा कर इस्लाम की राह पर चलने का सबक देते है। रिजवान के पिता सिकन्दर अली मजदूरी करते है वहीं दादा रमजान काजी कृषक है। छोटे बच्चे के रोजा रखने पर अनेक ग्रामीणों ने रिजवान को माला पहना कर अभिनंन्दन किया।