नेता ने की प्रेस वार्ता, कार्यवाही नहीं होने पर करेंगे जयपुर में प्रदेश के मुख्य सचिव के घर के बाहर करेंगे प्रेस कॉन्फ्रेंस
जोधपुर। राईकाबाग बैंक कॉलोनी में बिना अनुमति चार मंजिला भवन के निर्बाध निर्माण कार्य एवम् नगर निगम दक्षिण जोधपुर द्वारा इस सम्बन्ध में कोई कार्यवाही नहीं किये जाने पर जोधपुर शहर से गत विधानसभा में प्रत्याशी रहे डॉ.अजय त्रिवेदी ने प्रेस वार्ता के जरिये नगर निगम की अनदेखी और सम्बंधित डी.सी.स्वरूप सिंह को सूचित करने पर भी इस अवैध निर्माण के प्रति उदासीनता बरतने पर विरोध दर्ज़ करवाते हुए इस सम्बन्ध में त्वरित कार्यवाही की मांग की है।
प्रेस वार्ता में जानकारी देते हुए डॉ.अजय त्रिवेदी ने बताया कि पूर्व में मोहल्लेवासियों के विरोध के चलते मकान मालिक दलपत भंसाली ने निर्माण कार्य बन्द कर दिया था उसके पश्चात् 6 मार्च को प्रातः एकाएक तीसरी मंजिल पर भराई का कार्य पुनः शुरू कर दिया गया।
भवन निर्माण की अनुमति लिए बिना चल रहे इस निर्माण कार्य की सूचना जब डॉ.अजय त्रिवेदी द्वारा फोन पर सम्बंधित डी.सी. स्वरूप् सिंह को दी गई तो सम्बंधित डी.सी. ने शिकायत पर सुनवाई की बजाय नसीहत देते हुए कहा कि आपने सुबह भी फोन किया था, अधिकारी से बात करने का समय होता है, जल्दी फोन किया इसलिए मैनें पिक नहीं किया, आपको किस समय बात करनी है वो समय समझ कर उस पर ब्रेकेट लगा कर फिर अधिकारी से बात करनी चाहिए। इसके पश्चात् शिकायत पर किसी तरह की कार्यवाही नहीं करते हुए उलटे डॉ.अजय त्रिवेदी का फोन नम्बर ही डी.सी. स्वरूप् सिंह ने ब्लॉक कर दिया।
निर्माण कार्य निर्बाध चलता रहा
डॉ. अजय त्रिवेदी ने कहा कि वैसे तो इस भवन निर्माण की कोई अनुमति भवन मालिक द्वारा नहीं ली गई है और अगर कोई स्वीकृति है तो इसे सार्वजनिक करने का कार्य निगम प्रशासन का है। हकीकत यह है कि निगम प्रशासन को यह पता है कि इस भवन की स्वीकृति इसके मालिक सिंह पोल निवासी दलपत भंसाली द्वारा कभी नहीं ली गई अतः इस प्रकरण को दबाने पर निगम प्रशासन आमादा है।
बिना अनुमति के इस भवन का निर्माण सभी नियम कायदों को ताक में रखकर किया गया है।
डॉ.त्रिवेदी ने कहा कि यदि इस बिना अनुमति के भवन निर्माण पर कार्यवाही नहीं की गई एवम् अधिकारियों का रुख ऐसा ही रहा तो विवशतः उनके द्वारा जयपुर में मुख्य सचिव को ज्ञापन देकर वहां भी प्रेस वार्ता के माध्यम से जोधपुर के अधिकारी की उदासीनता पर प्रश्न खड़ा किया जाएगा।
एक प्रश्न के जवाब में डॉ. त्रिवेदी ने कहा कि भवन निर्माण की अनुमति मिली या नहीं मिली यह देखना मोहल्लेवासियों का नहीं बल्कि निगम का कार्य है, मैनें और मेरे मोहल्लेवासियों ने तो एक जागरूक निवासी के रूप में अपने पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार प्रेस के माध्यम से अवैध निर्माण की जानकारी प्रस्तुत की है। इस सम्बन्ध में जांच व कार्यवाही करना निगम प्रशासन का दायित्व है।
मौके पर निर्माण में नहीं छोड़ा गया सेट बेक
तीन मंजिला इस निर्माण को देखने पर ही पता चलता है कि ये निर्माण पूरे तरीके से अवैध है क्योंकि अगर इस निर्माण की अनुमति भी ली गई है तो अनुमति की शर्तों के अनुसार निर्माण ही नहीं है।
मौके पर तीन मंजिला निर्माण की ऊंचाई के अनुसार सड़क की चौड़ाई नहीं है साथ ही आगे, पीछे और साइड में सेट बेक छोड़कर निर्माण करने का नियम है लेकिन इस निर्माण में कही भी नियमानुसार सेट बेक नहीं छोड़ा गया है इसी के अनुसार साफ दिखाई देता है कि बनाई जा रही बिल्डिंग नियमों के अनुरूप नहीं है।