राजस्थान में भाजपा का नेतृत्व कौन करेगा इस सवाल ने बिगाड़े एक्जिट पोल के आंकड़े
इम्तियाज अहमद/दैनिक महका संसार
जयपुर। वैसे आपने देखा होगा चुनाव के एक वर्ष बचे होते है तो कई मीडिया संस्थान एक्जिट पोल जारी कर देते है लेकिन अब चुनाव में मात्र 10 माह बचे है लेकिन कोई अनुमान नही लगा पा रहा है कि अगली सरकार किसकी होगी इसके पीछे एक ही कारण है वो है वसुंधरा राजे, क्योंकि पिछले कई वर्षो से वसुंधरा राजे के चेहरे के सामने कोई नहीं आ रहा है भाजपा का शीर्ष नेतृत्व कई वर्षो से वसुंधरा राजे का विकल्प ढूंढ रहा है लेकिन ये तलाश खत्म होती दिखाई नहीं दे रही है इसी कारण से कोई भी मीडिया राजस्थान का एक्जिट पोल दिखाने से बच रहा है जब तक भाजपा में इस चुनावो में नेतृत्व किसका होगा तब तक कोई भी आंकलन नही कर पा रहा है मीडिया तो मीडिया आम जनता भी असमंजस में है कि आगे क्या होगा कोई भी इस स्थिति को बताने के लिए आगे नही आ रहा है इसी सवाल पर है आज की ये हमारी विशेष रिपोर्ट।
भाजपा के पास वसुंधरा राजे के अलावा कोई विकल्प नहीं
जब 2018 में कांग्रेस की सरकार तब से ही भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने वसुंधरा राजे का विकल्प तलाश करना शुरू कर दिया था लेकिन अभी तक ये तलाश पूरी नहीं हुई है इसके बीच कई नाम चर्चा में रहे है पहले गजेंद्र सिंह शेखावत का नाम सामने आया था लेकिन ये नाम ज्यादा नहीं चल सका था साथ ही सतीश पूनिया, राजेंद्र राठौड़, गुलाब चंद कटारिया सहित कई नाम सामने आए लेकिन फिर भी इन चेहरों को जनता ने मुख्यमंत्री के रूप में नकार दिया और अन्त में अभी भी राजस्थान में वसुंधरा राजे के सामने सभी बोने नजर आ रहे है शीर्ष नेतृत्व अभी भी खुलकर ये बताने को तैयार नहीं है कि इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों में भाजपा का मुख्यमंत्री चेहरा कौन होगा।
वसुंधरा का नेतृत्व नही होगा तो होगा भाजपा को नुकसान
एक्जिट पोल जारी करने में सबसे ज्यादा समस्या यही आ रही है कि अधिकतर सर्वे में वसुंधरा का नाम अभी भी सबसे आगे चल रहा है और शीर्ष नेतृत्व वसुंधरा राजे के अलावा कोई और नाम आगे लाती है तो इससे भाजपा को नुकसान होने की पूरी संभावना है और ऐसी स्थिति में कांग्रेस को फायदा मिलता साफ दिखाई दे रहा है अशोक गहलोत फिर बाजी मारते दिखाई दे रहे है और कांग्रेस की वापसी भी हो सकती है इसी खतरे के कारण शीर्ष नेतृत्व कोई भी फैसला नहीं ले पा रहा है ऐसे में जल्द फैसला नही लिया गया तो भाजपा को नुकसान होना तय है।
कांग्रेस को सिर्फ वसुंधरा राजे ही रोक सकती है
अशोक गहलोत की जनकल्याणकारी योजनाएं अब लोगो को पसंद आने लगी है और आने वाले बजट के बाद तो अशोक गहलोत का कद और बढ़ने वाला है और इस बजट में कई बड़ी घोषणाएं होने वाली है जिससे कांग्रेस और मजबूत होगी और ऐसे में भाजपा किसी और को सामने लाती है तो सभी चेहरे अशोक गहलोत के सामने कद के सामने कहीं नहीं टिकते है अब ऐसे में भाजपा बड़ी मुश्किल में है और ज्यादा देरी होगी तो भाजपा को बड़ी चुनौती मिलेगी अशोक गहलोत के सामने सिर्फ एक ही नाम है जो भाजपा को मजबूत कर सकती है।
भाजपा की और से मोदी के नाम से ही लड़ा जा सकता है चुनाव
अगर किसी कारणवश भाजपा ने मुख्यमंत्री पद के लिए किसी नाम की घोषणा नही की तो ऐसा भी माना जा रहा है कि किसी का नाम बिना सामने लाए सिर्फ मोदी के नाम से ही चुनाव लडा जा सकता है लेकिन दूसरे राज्यों में ऐसा चल।जाता है लेकिन राजस्थान में अशोक गहलोत का कद इतना बड़ा है कि सिर्फ मोदी के नाम से चुनाव नही लड़ा जा सकता है और यहां वसुंधरा राजे भी राजस्थान में एक बड़ा नाम है इस नाम का सहारा लिए बिना राजस्थान में भाजपा को सरकार बनाना बड़ा मुश्किल होगा इसी के चलते कोई अनुमान नही लगा पा रहा है कि राजस्थान में क्या होगा अगली सरकार किसकी होगी।
अगले महीने तक वसुंधरा राजे को मिल सकती है कमान
ऐसा बताया जा रहा है कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व इसी पर जोड़ तोड़ कर रहा है लेकिन रास्ते कम है और जितने भी रास्ते खोजे गए है सभी रास्ते वसुंधरा राजे की और से ही गुजर रहे है ऐसे में अब भाजपा को जल्द ही फैसला लेना होगा क्योंकि राजस्थान की राजनीति में अशोक गहलोत एक बड़ा नाम है अगर समय रहते वसुंधरा को कमान नही सौपी गई तो अशोक गहलोत इतना आगे निकल जायेंगे जिसे बाद में वसुंधरा राजे भी नही रोक सकती है ये बात भाजपा का शीर्ष नेतृत्व समझ चुका है इसलिए जल्द ही वसुंधरा के नाम पर सहमति बन सकती है और कमान एक बार फिर राजे के हाथ में आ सकती है इसके बाद ही किसी एक्जिट पोल को दिखाया जा सकता है सभी लोग और मीडिया संस्थान भी इसी का इंतजार कर रहे है।