सत्यमेव जयते परिवार ने पुलिस कमिश्नर राजेंद्र सिंह को दिए महत्वपूर्ण सुझाव

सत्यमेव जयते सिटिजन सोसायटी की अध्यक्ष विमला गट्टानी के नेतृत्व में सोसायटी के प्रतिनिधि मंडल ने मुलाकात कर दिया आवश्यक सुझाव


जोधपुर। जोधपुर के प्रमुख सामाजिक संगठन सत्यमेव जयते सिटिजन सोसायटी के प्रतिनिधि मंडल ने जोधपुर के नए पुलिस कमिश्नर राजेंद्र सिंह से मुलाकात कर अपराधों की रोकथाम से लेकर सुचारू यातायात व्यवस्था के अलावा आमजन को पुलिस के प्रति जागरूक करने के साथ-साथ स्मार्ट पुलिसिंग के लिए आवश्यक सुझाव दिए हैं।
सत्यमेव जयते सिटिजन सोसायटी के एडवाइजरी बोर्ड के निदेशक हस्तीमल सारस्वत ने  जानकारी देते हुए बताया कि, समिति की अध्यक्ष विमला गट्टानी के नेतृत्व में दिए गए सुझाव के दौरान प्रतिनिधि मंडल में डॉ संजय कृष्ण व्यास,अजीत सिंह राठौड़,अश्विनी दास,अंजू भाटी अभिषेक चौहान, इंदुबाला शर्मा,प्रवीण मेढ और तरनीजा मोहन राठौड़ शामिल रहे। प्रतिनिधि मंडल की ओर से दिए गए सुझाव में पुलिस थानों में पहुंचने वाले फरियादियों को 156 3 के इस्तगासे की बजाय सीधे एफआईआर दर्ज करने और नियमानुसार कार्रवाई का सुझाव दिया गया, जिस पर पुलिस कमिश्नर राजेंद्र सिंह ने विश्वास दिलाया कि सभी थानों में नियमों अनुसार बकायदा एफआईआर दर्ज होगी और  कार्यवाही को लेकर उनकी मॉनिटरिंग भी की जाएगी।
सुझाव पत्र में बताया गया कि,जोधपुर के अलग-अलग क्षेत्रों में अपनी सेवाएं देने वाले 100 प्रबुद्ध जनों के सामाजिक संगठन सत्यमेव जयते सिटीजन सोसायटी की ओर से लगातार विभिन्न प्रकार के सामाजिक सरोकार के कार्य किये जा रहे हैं इस संगठन से जुड़े सभी सदस्यों ने जागरूकता का परिचय देते हुए जनहित और जरूरत के अनुसार जोधपुर के यातायात को सुगम बनाने और अपराध व अपराधियों को नियंत्रित करने के लिए पहले भी आवश्यक सुझाव दिए हैं।सुझाव पत्र में बताया गया कि,सबसे ज्यादा यातायात का दबाव पावटा से लेकर जालोरी गेट तक रहता है जिसमें विभिन्न प्रकार के बाजार होने के कारण सोजती गेट और जालौरी गेट का क्षेत्र ज्यादा प्रभावित होता है, लिहाजा दर्पण सिनेमा के पीछे से लेकर राजदादी अस्पताल से होते हुए जालोरी गेट तक पेरेलल रास्ता स्थाई रूप से वन वे के आधार पर शुरू किया जा सकता है, यातायात का दबाव कम होने से आमजन को राहत मिल सकेगी। सुझाव पत्र में यह भी बताया गया कि,काफी सारे बच्चे स्कूलों ओर कॉलेजों में स्वयं का वाहन लेकर जाते है उनमे से काफी बच्चो के पास न तो लाइसेन्स होता है ओर ना ही हेलमेट, इनमे 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे भी होते है, तो स्कूलों और कॉलेजो में बच्चो को ट्रैफिक से जुड़ी जानकारियां देने का अभियान चलाया जाना चाहिए और उनको ट्रैफिक नियमो का पालन करने और हेलमेट पहनने के लिए जागरूक करना चाहिए ।
3. जोधपुर शहर के 40 पुलिस थानों में पूरा पुलिस कमिश्नरेट आया हुआ है ऐसे में प्रत्येक मोहल्ले में से लगभग 5 से 10 जागरूक समाज सेवकों को जोड़कर उनके माध्यम से सूचना तंत्र को मजबूत किया जा सकता है जिससे अपराधों पर नियंत्रण होने के लिए हर तरह की सूचना मिलने पर पुलिस तंत्र और
इफेक्टिव हो पाएगा।जोधपुर शहर में दिन के समय में व्यस्त चौराहों पर अथवा अन्य मार्गों पर यातायात की सुदृढ़ व्यवस्था हेतु जन सामान्य को यातायात के नियम के बारे में अवगत कराया जाए, यह निरंतर प्रक्रिया होनी चाहिए विद्यार्थियों को माध्यमिक एवं महाविद्यालय स्तर पर यातायात नियमों के जागरूकता कैंप के साथ-साथ लाइसेंस बनाने के कैंप अवश्य होनी चाहिए इस कार्य में सामाजिक कार्यकर्ता विद्यालय महाविद्यालय के शारीरिक शिक्षक के साथ-साथ उस वार्ड के पार्षद की भी जिम्मेदारी निश्चित होने चाहिए।
सारस्वत ने बताया कि सुझाव पत्र में यह भी सुझाव दिया गया कि,घरेलू नौकरों व घरों में रखे जाने वाले किरायेदारों के परिचय के संदर्भ में हर वार्ड के पार्षद के साथ दो या तीन व्यक्ति एवं एक पुलिस एवम् प्रसाशन के व्यक्ति टीम भावना से इन सभी का एक रजिस्टर बनाएं साथ ही साथ इन कार्य करने वाले सेवकों को भी इस बात का विश्वास दिलाएं कि आप भी समाज की मुख्य कड़ी से ही जुड़े हुए हैं ,इसमें  आपकी सुरक्षा व जोधपुर शहर की सुरक्षा सभी शामिल है। पुलिस जनता जन सहभागिता के तहत यह भी सुझाव दिया गया कि,हमारा 100 मेम्बर का सत्यमेव जयते परिवार जोधपुर के विभिन्न थाना क्षेत्रों मे रहता है। थाने की स्थानीय समितियों एवम शांति समितियों से यदि हमारे सदस्यों को जोड दिया जाये तो हम ना सिर्फ पुलिस विभाग को सहयोग कर सकेंगे अपितु आपके कार्यक्रमो मे सहभागिता भी निभा सकेंगे।