घंटाघर पर सरकार का नही, अतिक्रमण प्रभारी का चलेगा आदेश, अपनी मर्जी से अतिक्रमण को शह 

घंटाघर में अतिक्रमण की भरमार, अपनी मर्जी से हटाया जाता है अतिक्रमण, चहेतो को पूरी छूट 

जोधपुर। घंटाघर जोधपुर की शान है और यहां का पुराना मार्केट ही यहां की पहचान है लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के बाद यहां से अतिक्रमण हटा दिए गए थे लेकिन धीरे धीरे यहां पर अतिक्रमण वापस काबिज हो गए और कभी कभी दिखाने के लिए कोई कार्यवाही की जाती है

ढेरी लगाकर माल बेचने वाले ने दी आत्मदाह की धमकी

जमीन पर बैठकर छोटे मोटे कपड़े बेचने वाले सिराज ने कहा कि आए दिन सिर्फ हम चार पांच लोगो को परेशान किया जाता है जबकि पूरे घंटाघर में अतिक्रमण करने की छूट दी गई है पूरे बाजार में लोग 10 से 12 फिट आगे आकर धंधा कर रहे है उन्हे कोई नही रोकता है हम साइड में बैठकर छोटी सी जगह पर बैठकर काम धंधा करते है तो आकर सामान जब्त कर लिया जाता है अतिक्रमण हटाओ कोई मना नहीं है लेकिन सिर्फ हम कुछ लोगो को टारगेट क्यों किया जा रहा है जबसे सुरेश हंस अतिक्रमण प्रभारी बने है तबसे ही ऐसा हो रहा है रोज की परेशानी हो गई है सिर्फ हम लोगो को ही निशाना बनाया जा रहा है कार्यवाही हो तो सब पर होनी चाहिए कानून सिर्फ हम लोगो पर ही लागू होता है आए दिन सामान उठाकर ले जाते है अगर इसी तरह भेदभाव चलता रहा तो परेशान होकर में आत्मदाह कर लूंगा कोई सुनने वाला नहीं है।

अतिक्रमण प्रभारी सुरेश हंस की मनमर्जी से परेशान लोग

आज सिर्फ एक व्यक्ति ने तंग आकर आत्महत्या की चेतावनी दी है लेकिन पूरे घंटाघर में छोटा मोटा धंधा करने वाले लोगो ने आरोप लगाया कि अतिक्रमण प्रभारी सुरेश हंस किसी व्यापारी के कहने पर चलते है वो व्यापारी दावा करता है कि सुरेश हंस की घंटाघर में पोस्टिंग मैने ही करवाई है अब सुरेश हंस की सरकार में खुद हु मेरे से जो माल खरीदेगा उसको ही सड़क पर माल बेचने दूंगा, वो व्यापारी बिना बिल का माल मंगवाता है और बिना बिल के ही माल बेचने के लिए मजबूर करता है व्यापारी पर जीएसटी चोरी करने का भी आरोप लगाया है।

हाईकोर्ट के आदेश की हो रही है अवहेलना

हाईकोर्ट ने कुछ वर्षो पहले घंटाघर में दुकान के बाहर ढेरी लगाना, ठेला लगाने पर प्रतिबंध लगा दिया था उसके बाद ही घंटाघर थोड़ा खुला सा नजर आने लगा था लेकिन अतिक्रमण प्रभारी सुरेश हंस खुले आम हाईकोर्ट की अवहेलना भी कर रहे जहां उन्हें अतिक्रमण हटाना होता है वहां वो हाईकोर्ट की दुहाई देते नजर आते है लेकिन जहां उन्हें छूट देनी होती हैं वहां आराम से कितना भी अतिक्रमण कर लो पूरी छूट दी जाती है यानी ना सरकार ना प्रशासन सब कुछ अतिक्रमण प्रभारी चाहे वही होता है।

हमारी टीम के पहुंचने पर की गई खानापूर्ति

कुछ छोटे मोटे धंधा करने वालो और ढेरी लगाकर माल बेचने वालो ने हमे फोन पर बताया कि घंटाघर में मनमर्जी की कार्यवाही की जा रही है जब हमारी टीम वहां पहुंची तो देखा कि हमे देखकर खानापूर्ति शुरू की गई, ना तो किसी का माल जब्त किया और ना ही अतिक्रमण हटाए, दिखाने के लिए सब्जी के खाली कैरेट और छोटा मोटा खाली सामान ट्रैक्टर में डाला गया हमारी टीम भी वही डटे रही लेकिन जब हमारी टीम ने अतिक्रमण प्रभारी सुरेश हंस से पूछा कि अतिक्रमण पर भेदभाव को हो रहा है तो टाल मटोल करते रहे और कहा बाकि पर शाम को कार्यवाही करेंगे।

महका संसार समाचार पत्र हमेशा से जी जनहित के मुद्दे उठाता आया है पिछले महीने हमने घंटाघर सहित पूरे शहर में गुब्बा और जुआं चलने की खबर लगाई थी और पुलिस कमिश्नर राजेंद्र सिंह ने इसको गंभीरता से लेते हुए सख्ती दिखाई और शहर में चल रहे गुब्बा और जुआं बंद करवा दिए जो आज तक बंद है।

अब महका संसार घण्टाघर में चल रहे अतिक्रमण पर गरीब और मजदूर के साथ है यहां अतिक्रमण प्रभारी का नही कानून का राज चलेगा, जब तक सभी अतिक्रमण बिना किसी भेदभाव के नही हटाए जाएंगे हम इस पर जनता की आवाज उठाते रहेंगे।

आज की पूरी घटना के बारे में डीएलबी निदेशक और निगम आयुक्त को अवगत करवा दिया गया है साथ ही कुछ लोग विधायक अतुल भंसाली के पास भी शिकायत लेकर पहुंचे थे।

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