पूर्व में भी राजस्थान में प्रसंग घी को किया जा चुका जब्त, जांच में सब स्टैंडर्ड पाए गए थे
जयपुर। चिकित्सा विभाग के दल को शिकायत मिली कि एक घटिया घी बाजार में धड़ल्ले से बिक रहा है उसी की शिकायत की सत्यता की जांच करने के लिए सोमवार को चिकित्सा विभाग की टीम ने हनुमानगढ़ की गुड़ मंडी में एक प्रतिष्ठान का निरीक्षण किया और मिलावट और अमानक होने की आशंका में 101 किलो घी को सीज किया है जिसको जांचने हेतू बीकानेर स्थित जांच लेबोरेट्री में भिजवाया गया है। जिसकी जांच रिपोर्ट आने पर आगे की कार्यवाही की जायेगी।
मिली थी शिकायत, प्रसंग घी में घी जैसे गुण नही
सरकार का ‘शुद्ध आहार मिलावट पर वार’ अभियान जोर शोर से चल रहा है और इसी के तहत सरकार ने स्थानीय चिकित्सा विभाग के नंबर जारी करने के साथ साथ राज्य स्तरीय वाट्सअप नंबर और मेल आई डी जारी की थी और जागरूक लोग शिकायत भी कर रहे है इसी के तहत हनुमानगढ़ की गुड़ मंडी में कार्यवाही की गई है शिकायत कर्ता ने शिकायत की थी कि गुजरात निर्मित प्रसंग ब्रांड में घी जैसा कुछ नही है जिसको गाय के घी के नाम से बेचा जा रहा है लेकिन स्वाद में गाय के घी जैसा कुछ दिखाई नहीं दे रहा है ऐसी शिकायत मिलने पर चिकित्सा विभाग ने प्रसंग घी के नमूने लेकर जांच के लिए भेजे गए है।
पहले भी कई बार इस घी के नमूने लिए गए थे, जांच में घी जैसा कुछ नही पाया था और विभाग ने इसको सब स्टैंडर्ड की कैटेगरी दी थी
पूरे प्रदेश में प्रसंग घी पर लगनी चाहिए रोक
मिलावट और अमानक के संदेह में प्रसंग घी के नमूने लेकर घी को जब्त किया गया है शिकायत के आधार पर कार्यवाही की गई है लेकिन प्रसंग घी पूरे प्रदेश में धड़ल्ले से बिक रहा है जोधपुर, बाड़मेर, बीकानेर, हनुमानगढ़, गंगानगर, नागौर, जयपुर सहित कई ग्रामीण क्षेत्रों में इस घी के सप्लाई की जा रही है जब तक घी की रिपोर्ट नही आती तब तक पूरे प्रदेश में प्रसंग घी की बिक्री पर रोक लगानी चाहिए क्योंकि मिलावट और अमानक के संदेह में प्रसंग घी के नमूने लिए गए है और अगर प्रसंग घी जांच रिपोर्ट में अनसेफ आ जाता है तो हजारों लोग इसका सेवन कर चुके होंगे और लोगो का स्वास्थ्य खराब हो चुका होगा इसलिए जब तक जांच रिपोर्ट नही आती तब तक इस पर रोक लगानी चाहिए।
हृदयाघात या लकवा जैसी बीमारी का खतरा
चिकित्सकों के मुताबिक मिलावटी घी से सेहत को नुकसान पहुंच रहा है। चिकित्सक के मुताबिक मिलावटी घी से शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है। नसों में जमने के कारण ब्लड सर्कुलेशन कमजोर होने लगता है। नसें ब्लॉक होने से हृदयाघात या लकवा जैसी बीमारी हो सकती है। ऐसे में उपयोग से पहले घी की गुणवत्ता की जांच जरूरी है।