हरियाणा की भाजपा सरकार खतरे में, तीन निर्दलीय विधायको ने सरकार से लिया समर्थन वापस

जयपुर। हरियाणा (Haryana Politics News) में नायब सैनी सरकार के सामने फिर से सियासी संकट सामने आया है। इस बार तीन निर्दलीय विधायक जो नायब सैनी सरकार को अपना समर्थन दिए हुए थे। उसे वापस लेते हुए भूपेंद्र हुड्डा को समर्थन दिया है। विधायकों ने कहा कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस का साथ देंगे। जानिए आखिर हरियाणा विधानसभा का अब क्या है नंबर गेम।

ये स्थिति है फिलहाल हरियाणा विधानसभा में

90 सदस्यीय विधानसभा में फिलहाल दो पद रिक्त, 88 विधायकों वाली विधानसभा में बहुमत के लिए भाजपा को चाहिए 45 विधायक, भाजपा के पास स्वयं के 40 विधायकों के साथ दो निर्दलीय और एक हलोपा विधायक का साथ है, 22 फरवरी को भाजपा सरकार के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव गिर गया था इसलिए अगस्त के पहले पखवाड़े तक नहीं लाया जा सकता अविश्वास प्रस्ताव।

निर्दलीय विधायक बोले कांग्रेस को देंगे समर्थन

पूंडरी के निर्दलीय विधायक रणधीर गोलन, चरखी दादरी के निर्दलीय विधायक सोमवीर सांगवान और नीलोखेड़ी के निर्दलीय विधायक धर्मपाल गोंदर ने मंगलवार शाम को रोहतक पहुंचकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से मुलाकात की और लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को समर्थन देने की घोषणा कर दी। बादशाहपुर के निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद के भी इन विधायकों के साथ आने का दावा किया गया था, लेकिन शाम को दौलताबाद नहीं आए।

औपचारिक तौर विधानसभा स्पीकर को नहीं दिया कोई लिखित पत्र

इन तीनों निर्दलीय विधायकों ने न सिर्फ कांग्रेस का समर्थन करने की घोषणा की, बल्कि हुड्डा की मौजूदगी में यह भी कह दिया कि उन्होंने भाजपा सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। हालांकि अभी तक इन तीनों विधायकों ने विधानसभा स्पीकर को भाजपा सरकार से समर्थन वापस लेने का अपना लिखित पत्र नहीं दिया है। फिर भी घोषणा से सरकार पर दबाव जरूर बढ़ गया है।