सरस के नाम का फायदा उठाना चाहते थे इसलिए श्री छोटे अक्षर में लिखा जाता था

कोटा। शहर में खाद्य सुरक्षा दल जबरदस्त एक्शन मोड में है और लगातार घटिया घी की आशंका में माल को भी जब्त किया जा रहा है और अब खाद्य सुरक्षा दल ने शुक्रवार रात को बलिता में सरस के नाम पर मिलते जुलते ब्रांड के साथ तैयार किए जा रहे घी पर बड़ी कार्यवाही की हैं। खाद्य सुरक्षा दल की टीम ने श्री सरस के नाम से चल रहे एक कारखाने से 3870 लीटर घी को जब्त किया है टीम ने संदीप ट्रेडिंग कंपनी नाम से संचालित कारखाने पर इस कार्यवाही को अंजाम दिया है घी को सीज करने की कार्यवाही के साथ 5 नमूने भी लिए गए है पैकेट पर श्री छोटा और हल्का प्रिंट किया गया है और सरस के नाम को बड़ा लिखा गया है ताकि पढ़ने वाला इसे असली सरस समझे। जयपुर में इसी ब्रांड के 13 हजार 700 लीटर घी को सीज किया था बताया जा रहा है कि यह दमन दीव की फर्म है अधिकारियों ने बताया कि दो साल पहले भी कंपनी के खिलाफ कार्यवाही हो चुकी है लेकिन इन्होंने जगह बदलकर घी की सप्लाई शुरू कर दी है।

सरस के नाम पर घी बेचकर 5 करोड़ से अधिक की कमाई

अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2018 से दमन से घी मंगवाया जाता था और उसको यहां पैक करके बेचा जा रहा है एक लीटर की खरीद 350 रुपए किलो है और 400 रुपए किलो बेचने की कीमत है हर महीने करीब 13000 लीटर घी बेचा जाता था और 2018 से अब तक 78 महीनो में संचालक ने लगभग 5 करोड़ की कमाई भी कर ली है।

कम कीमत में बेचकर करते थे अधिक कमाई

सीएमएचओ जगदीश सोनी ने बताया कि सरस डेयरी ब्रांड की तरह ही पैकिंग की जाती थी जिसमे श्री को छोटे और सरस को बड़े शब्दों में लिखते थे पैकिंग भी सरस के घी की तरह ही करते थे श्री सरस नाम के इस ब्रांड को 400 रुपए किलो में बेचते थे जबकि ओरिजनल सरस घी की कीमत 550 रुपए किलो के आसपास होती है बरामद किए गए घी की कीमत करीब 16 लाख बताई जा रही है

टीम में खाद्य सुरक्षा अधिकारी संदीप अग्रवाल, चंद्र वीर सिंह जादौन व नितेश गौतम मोजूद थे