याचिकाकर्ता ‘दंत चिकित्सक’ को खाद्य सुरक्षा अधिकारी भर्ती की नियुक्ति प्रक्रिया में प्रोविजनल कंसीडर करने के दिये अंतरिम आदेश- हाइकोर्ट
खाद्य सुरक्षा अधिकारी पद पर नियुक्ति हेतु दंत चिकित्सा स्नातक/बीडीएस को आरपीएससी, अजमेर द्वारा अपेक्षित योग्यता नहीं मानकर अभ्यर्थिता रद्द करने का मामला, राजस्थान हाइकोर्ट जस्टिस अरुण मोंगा जी की एकलपीठ ने डॉ पूजा व्यास की रिट याचिका की प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिये आदेश, दंत चिकित्सक की ओर से अधिवक्ता यशपाल खिलेरी ने की पैरवी
जोधपुर। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता यशपाल खिलेरी व विनीता ने रिट याचिका दायर कर बताया कि याची जयपुर स्थित निम्स यूनिवर्सिटी से दंत चिकित्सा में स्नातक /बीडीएस डिग्री उत्तीर्ण हैं। केंद्रीय सरकार द्वारा खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 और खाद्य सुरक्षा और मानक नियम, 2011 अधिनियमित कर रखें हैं और इन्हीं प्रावधानों के अध्यधीन ‘खाद्य सुरक्षा अधिकारी’ का पद सृजित किया गया औऱ उक्त पद हेतु अपेक्षित शैक्षणिक योग्यता निर्धारित की हुई है। उक्त केंद्रीय अधिनियम के प्रावधान अनुसार सम्पूर्ण भारतवर्ष में इस पद हेतु समान योग्यता निर्धारित हैं।।
राजस्थान लोक सेवा आयोग ने विज्ञप्ति दिनाँक 21.10.2022 से खाद्य सुरक्षा अधिकारी के 200 पद विज्ञापित किये गए। दिनाँक 27 जून 2023 को लिखित परीक्षा आयोजित की गई और इसका दिनाँक 20 फ़रवरी 2024 को जारी परिणाम में याची को सफल घोषित किया गया। आयोग द्वारा सफल मेधावी याची को दस्तावेज सत्यापन /साक्षात्कार काउंसलिंग में शामिल किया गया। लेकिन पत्र दिनाँक 2 मई 2024 से आरपीएससी ने निर्धारित शैक्षणिक योग्यता के अभाव में याची की अभ्यर्थिता रद्द कर दी, जिसे याची ने रिट याचिका दायर कर चुनोती दी गई।।
याची की ओर से अधिवक्ता ख़िलेरी ने बताया कि एमबीबीएस डिग्री और बीडीएस डिग्री दोनो स्नातक पाठ्यक्रमों में एकल नीट परीक्षा के जरिये ही प्रवेश मिलता है और दोनों ही पद्धति चिकित्सा में डिग्री की परिभाषा में आती है। डॉ एम. दिव्या बनाम निदेशक मामले में मद्रास हाईकोर्ट ने अहम फैसला देते हुए यह अभिनिर्धारित किया है कि दंत चिकित्सा विज्ञान में स्नातक ‘चिकित्सा में स्नातक/ डिग्री इन मेडिसिन’ के अर्थ में ही समाहित हैं। इस बाबत हाइकोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्रीय सरकार के चिकित्सा विभाग मंत्रालय की एक्सपर्ट कमेटी द्वारा विस्तृत जांच कर इस आशय की रिपोर्ट भी पेश कर यह माना कि दंत चिकित्सा विज्ञान में स्नातक, होम्योपैथी में डिग्री, सिद्धा में डिग्री एवं अन्य मेडिसिन डिग्री को खाद्य सुरक्षा अधिकारी पदो हेतु योग्य माना है और इन डिग्रीयो को चिकित्सा में स्नातक डिग्री के अर्थ में सम्मलित माना हैं।। ऐसे में याची अधिनियम 2006 के प्रावधानों अनुसार खाद्य सुरक्षा अधिकारी पद हेतु नियुक्त होने योग्य है।। इस संबंध में त्रिपुरा राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा खाद्य सुरक्षा अधिकारी पदो हेतु जारी विज्ञप्ति में दंत चिकित्सा स्नातक को निर्धारित शैक्षणिक योग्यता में सम्मिलित किया है।
मामले की प्रारंभिक सुनवाई करते हुए जस्टिस अरुण मोंगा जी की एकलपीठ ने नियुक्ति प्रक्रिया में याची की अभ्यर्थिता प्रोविजनल कंसीडर करने का अंतरिम आदेश देते हुए राजस्थान लोक सेवा आयोग एवं राज्य सरकार को जवाब तलब किया।। अगली सुनवाई दिनाँक 06 अगस्त 2024 को नियत की।।