सूरसागर मामले में सुनवाई नही होने का लगाया आरोप, स्थानीय निवासियों ने कहा हमारी एफआईआर दर्ज नही की जा रही है

जोधपुर। सूरसागर की घटना को सात दिन से ज्यादा हो गए हैं लेकिन विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है सर्व मुस्लिम समाज संगठन ने प्रेस वार्ता आयोजित कर बताया कि हाल ही में सूरसागर जोधपुर में हुए दो गुटों के बीच झगड़े को लेकर कुछ लोगों द्वारा सांप्रदायिक रंग देकर जोधपुर के सूरसागर क्षेत्र में उपद्रव फैलाकर जोधपुर शहर में भाई चारे का माहौल बिगाड़ा गया है।

समाजसेवी राजू भाटी ने कहा कि एक पक्ष को पूरी तरह से मुजरिम बताकर एक पक्षीय कार्यवाही की जा रही है जबकि सबसे ज्यादा पीड़ित मुस्लिम समाज ही हुआ है ऐसे कई विडियो सोशल मीडिया के माध्यम से सामने आए हैं जिसमें उत्पाति युवक उत्पात मचा रहे हैं तथा कई चार पहिया और दो पहिया वाहनों को आग लगाई गई महिलाओं के साथ घर में घुसकर दुर्व्यवहार किया गया। मारा पीटा गया लेकिन फिर भी पुलिस प्रशासन द्वारा एक तरफा कार्यवाही करने का आरोप लगाया है।

प्रेस वार्ता में कई पीड़ित महिलाओं ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि हमारी कहीं सुनवाई नहीं हो रही है हमारे ऊपर अत्याचार किया गया है लेकिन हम अपनी ओर से मुकदमा भी दर्ज नहीं कर पा रहे हैं। पुलिस हमारी और से मुकदमा दर्ज नही कर रही है। ऐसे में हम किस से न्याय की गुहार लगाई साथ ही इस उपद्रव में जो पीड़ित है एवं जिनकी संपति का नुकसान हुआ है उनको मुआवजा देने की मांग करते है एवं जिन पुलिस कर्मियों की मौजूदगी में दंगाइयों ने पत्थरबाजी की और पुलिस के सामने ही आगजनी और पत्थरबाजी करने का विडियो सामने आया गई विडियो में ऐसा प्रतीत हुआ है कि यह सब पुलिस के सामने हुआ है लेकिन पुलिस ने दंगाइयों को रोकने की बजाय उनका साथ दिया। इसलिए ऐसे पुलिस कर्मियों को निलंबित करने की मांग की गई है।

जिसकी दुकान जली उसका नही हुआ मुकदमा दर्ज

सूरसागर में हुए उपद्रव के दौरान एक दुकान में आग लगाने का विडियो वायरल हुआ था पूरी दुकान जल चुकी थी उसी दुकान के संचालक बबलू उर्फ साबिर ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि में तो नागौरी गेट का निवासी हु उस दिन में घर पर ही था मुझे फोन पर किसी ने सूचना दी कि आपकी दुकान को आग लगा दी गई है उसके बाद से ही में अपनी और से मुकदमा दर्ज करवाने के लिए भटक रहा हु लेकिन पुलिस ने अभी तक मेरी और से मुकदमा भी दर्ज नही किया है। दुकान में 12 से 13 लाख का सामान था। मैने कर्जा लेकर दुकान लगाई थी अब सब कुछ खत्म हो गया है लेकिन में अब न्याय की गुहार किससे लगाऊं।

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