प्रदेश में खाने-पीने की मिलावटी चीजों के खिलाफ भले ही अभियान चल रहा हो, लेकिन लंबे समय से खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की कमी चल रही है। हालांकि सरकार ने इस कमी को दूर करने के लिए भर्ती निकाली और दस्तावेजों का सत्यापन भी कर लिया। इसके बावजूद इन खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को नियुक्ति नहीं दी गई। अब सभी ने सरकार से मांग की है कि जल्दी से जल्दी सभी खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की भर्ती की जाए ताकि मिलावट के खिलाफ चल रही मुहिम को और बेहतर अंजाम तक पहुंचाया जा सके।
मामले के अनुसार सरकार ने 98 पदों पर खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति पर रखा है। सेवा शर्तों के अनुसार ये सभी तब तक ही पद पर रह सकते हैं जब तक स्थाई भर्ती नहीं हो जाती। अब भर्ती के लिए दस्तावेजों के सत्यापन होने के साथ ही प्रतिनियुक्ति वाले खाद्य सुरक्षा अधिकारी कोर्ट में चले गए और भर्ती रुक गई। सामने आया है कि अब तक आठ बार से अधिक बार मामला कोर्ट में जा चुका है, लेकिन एक साल में यह भर्ती नहीं हो सकी है। दस्तावेजों के सत्यापन के बावजूद भर्ती नहीं होने की वजह से परेशान अभ्यर्थी मुख्यमंत्री, चिकित्सा सचिव से लेकर सभी अधिकारियों से मिल चुके हैं, लेकिन मामले का हल नहीं निकल सका है।
10 जून को हो गया था परिणाम जारी
{आरपीएससी ने खाद्य सुरक्षा अधिकारी भर्ती-2022 का अंतिम परिणाम दस्तावेज सत्यापन के बाद 10 जून 2024 को जारी किया।
{सफल अभ्यर्थियों की सूची 20 जून 2024 को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को भी भेज दी गई।
{अगले ही दिनों में इस भर्ती को रोकने के लिए डेपुटेशन पर लगे अलग-अलग कर्मचारियों ने एक के बाद एक कुल छह याचिकाएं हाईकोर्ट में दाखिल कर दी।