देश में पहली बार चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में नयी पहल हुई है. भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज का अमेरिका की नामी यूनिवर्सिटी के साथ समझौता हुआ है.इसमेंं चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में शोध और नयी खोज में विद्यार्थियों के मदद मिलेगी. इसका फायदा मेडिकल साइंस में होगा. मरीजों को नये और बेहतर इलाज उपलब्ध हो पाएंगे. भारतीय विद्यार्थी पढ़ाई के लिए अमेरिका की इस यूनिवर्सिटी में जा सकेंगे.
भोपाल. मध्य प्रदेश में मेडिकल नॉलेज शेयरिंग मिशन की शुरुआत की गई है. देश में ऐसा करने वाला मध्य प्रदेश पहला राज्य बन गया है. इसके लिए अमेरिका की ऐमरी यूनिवर्सिटी ने गांधी मेडिकल कॉलेज के साथ एमओयू किया. इससे मेडिकल स्टूडेंट्स को पढ़ाई में मदद मिलेगी.
मध्य प्रदेश में मेडिकल नॉलेज शेयरिंग मिशन की शुरुआत हुई है. यह देश में पहली बार है जब इस तरह के किसी मिशन को शुरू किया गया है. इस मिशन के तहत अमेरिका की ऐमरी यूनिवर्सिटी ने भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज के साथ एमओयू किया है. ऐमरी यूनिवर्सिटी शोध के क्षेत्र में प्रख्यात है. इसके जरिए दोनों के बीच मेडिकल साइंस के नये शोध और तकनीकी एक दूसरे से शेयर की जाएंगी. चिकित्सा ट्रेनिंग के माध्यम से चिकित्सा विद्यार्थियों की क्षमता का विकास होगा. प्रदेश के चिकित्सा विद्यार्थी अब आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका जा सकेंगे.
ये रहेगी खास बात…
दोनों देशों के बीच जो एमओयू साइन हुआ है उसके बाद अब मेडिकल रिसर्च पर काम होंगे. भोपाल को टी बी मुक्त बनाने की कार्ययोजना तैयार होगी. एमओयू साइन होते वक्त ऐमरी यूनिवर्सिटी की ओर से डॉ मनोज जैन इस कार्यक्रम में शामिल हुए. ग्लोबल हेल्थ की वाइस प्रेसिडेंट रेबेका मार्टिन वर्चुअली शामिल हुईं
इस दौरान चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान, प्रमुख सचिव गैस राहत विभाग करलिन खोंगवार देशमुख, प्रोफेसर ऐमरी यूनिवर्सिटी डॉ मनोज जैन, डीएमई डॉ. जितेन शुक्ला, गांधी मेडिकल कॉलेज डीन डॉ. अरविंद राय, अधीक्षक हमीदिया अस्पताल डॉ आशीष मौजूद थे.