आचार संहिता का खुल्ला उल्लंघन, गजेंद्र सिंह पर गंभीर आरोप लगाने वाले पेंपलेट वितरित

जोधपुर। चुनाव चाहे कोई सा हो बिना मुद्रक का नाम और संख्या छापे बिना पेंपलेट वितरित करना अपराध की श्रेणी में आता है लेकिन गजेंद्र सिंह शेखावत पर घोटाले का आरोप लगाने वाले पेंपलेंट खुले आम वितरित किए जा रहे है जिसमे ना तो प्रिंट करने वाले का नाम छपा है और ना ही संख्या छपी है और तो और ये पेंपलेट किसके द्वारा जारी किए जा रहे उसका नाम भी नही है।

क्या है इस पेंपलेट में और किस तरह के लगे है गंभीर आरोप

हमे जानकारी मिली है कि समाचार पत्र वितरण करने वालो को ऐसे हजारों पेंपलेट दिए थे और सुबह समाचार पत्र के साथ डाल दिया गए थे जिससे वो हर घर तक पहुंच सके इस पेंपलेट के ऊपर मुख्य रूप से हेडिंग के रूप में स्पष्ट शब्दों में लिखा गया है कि `सांसद बनकर आरोपों से बरी हो गए ‘ साथ ही गजेंद्र सिंह शेखावत के फोटो के ऊपर लिखा गुनहगार लिखा है साथ ही 2020 के एक समाचार पत्र की कटिंग भी प्रिंट की गई है बीच में `900 करोड़ का संजीवनी घोटाला करके इथोपिया देश में केलो के बाग खरीदे ‘ और सबसे नीचा लिखा है कि ‘ पानी नही तो हमारी मेहनत का पैसा ही लौटा दो’ इस तरह के पेंपलेट को समाचार पत्र के साथ डालकर प्रकाशित किया गया है।

गजेंद्र सिंह शेखावत को बदनाम करने के लिए रची साजिश

सांसद गजेंद्र सिंह पर इस तरह के आरोप पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगाते आए है लेकिन इस पर कोई विशेष कुछ हो नहीं पाया था फिर भी इस तरह का झूठ फैलाकर गजेंद्र सिंह को बदनाम करने की साजिश रची गई है हम सीधे से तो ये आरोप नहीं लगा सकते है कि ये साजिश कांग्रेस ने रची है लेकिन इस तरह के पेंपलेट खुद भाजपा या गजेंद्र सिंह शेखावत तो नही बंटवा सकते है और गजेंद्र सिंह शेखावत के ऊपर उल्टे सीधे आरोप लगाकर उनको बदनाम करने की साजिश दिखाई दे रही है साथ ही इसमें एक बड़े समाचार पत्र की कटिंगो का सहारा भी लिया गया है जिससे लोग इन आरोपों को सच माने लेकिन हम आपको बताते है कि जिस न्यूज कटिंग का सहारा लिया गया है उसमे नीचे का मेटर साफ नही पढ़ा जा रहा है और सिर्फ हेडिंग ही साफ दिखाई दे रहा है और सीधे सीधे गुनहगार साबित करने की कोशिश की गई है आम जनता सब समझती है कि किस तरह लोगो में झूठ फैलाने की कोशिश की गई है।

क्या चुनाव आयोग करेगा सख्त कार्यवाही या हमेशा की तरह होगी लीपापोती

वैसे तो चुनाव के समय कई तरह की शिकायते आती है और उस पर नोटिस और मुकदमे भी दर्ज होते है लेकिन सख्त कार्यवाही अमल में नही लाई जाती है लेकिन इस तरह की ओछी हरकत शायद ही आज तक किसी ने की है ये पता लगाना प्रशासन का काम है लेकिन वर्तमान सांसद और इस बार भी प्रत्याशी गजेंद्र सिंह शेखावत पर इस तरह का आरोप लगाकर पेंपलेट बांटना कानून के विरुद्ध है और चुनाव आयोग सख्ती से इस पर जांच करेगा तो जल्द ही ऐसा करने वालो का पर्दाफाश भी हो जायेगा मानते है राजनीति में जीत के लिए कई हथकंडे अपनाए जाते है लेकिन इस तरह की चाल चलने से ये पता चलता है कि इससे किसको फायदा मिल रहा है, चुनाव की जांच कब पूरी होगी पता नही लेकिन हमारी टीम भी इसका खुलासा करने के लिए जांच जुटी है और जल्द ही सारा सच हम जनता के सामने रखेंगे।

इनका कहना है 

चुनाव आयोग के नियमान्तर्गत आदर्श आचार सहिंता का उल्लंघन करते हुए इस तरह के पेम्प्लेट्स का वितरण अनुचित है। पीठ पीछे का विरोध चुनावी रण में कायरता का द्योतक है, चूँकि इन पेम्प्लेट्स को वितरण करने वाले की आइडेन्टिफिकेशन दर्शित नहीं है अतः चुनाव आयोग को इसे गम्भीरता से लेना चाहिए। यह तो तय है कि दो दलों के चुनाव में किसी प्रत्याशी के विरुद्ध दुष्प्रचार होता है तो प्रत्यक्ष परोक्ष उसमें सामने वाले दल की ही भूमिका होती है यह कहना अतिशयोक्ति पूर्ण नहीं होगा।

डॉ.अजय त्रिवेदी, भाजपा नेता

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