भ्रष्ट खाद्य निरीक्षक और व्यापारी के बातचीत का ऑडियो हुआ वायरल, 5 में सब निपटाने की बात कही

बातचीत के अनुसार बाड़मेर के व्यापारी और फुड इंस्पेक्टर के बीच मिलावटी माल को बचाने के लिए हो रही थी डील

ओंकार सिंह 

जयपुर। प्रदेश में मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा और चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने अभियान चलाकर मिलावट को खत्म करने के लिए जी जान से काम कर रहे है और लगातार मॉनिटरिंग कर रहे है अभियान को सफल बनाने और जनता को शुद्ध आहार मिले इसके लिए खाद्य सुरक्षा आयुक्त के रूप में ईमानदार आईएएस इकबाल खान को इसकी कमान दे रखी है और उनके साथ पूरे राजस्थान में एक्टिव और दबंग माने जाने वाले आरएएस पंकज ओझा को अतिरिक्त आयुक्त के रूप में नियुक्त किया है ताकि जनता को मिलावट की मार से बचाया जा सके लेकिन एक भ्रष्ट फूड इंस्पेक्टर इस पूरे अभियान को चौपट करने में लगा है और मिलावट करने वालो को बचाने के एवज में 5 लाख की मांग कर डाली है जो मुख्यमंत्री स्वस्थ राजस्थान के सपने को चूर चूर कर रहा है।

महका संसार के हाथ लगा बातचीत का ऑडियो

महका संसार का नेटवर्क हर जगह है इसी के चलते हमसे कोई बात छुप नही सकती है हमारे पास एक व्यापारी और फुड इंस्पेक्टर की बातचीत का ऑडियो आया तो हमने उसकी पूरी जांच की और ऑडियो के अनुसार ये प्रकरण बाड़मेर में बकरों का बाड़ा स्थित मरुधर ट्रांसपोर्ट पर पकड़े मिर्च पाउडर पर की गई कार्यवाही का है जो मां भेरू फूड प्रोडक्ट को सप्लाई होना था और इसी माल को छोड़ने और व्यापारी को बचाने के लिए एक फूड इंस्पेक्टर 5 लाख की मांग कर रहा है ये कह रहा है कि ये पैसे मेरे जेब में नही जायेंगे 5 अधिकारीयो को बांटे जाएंगे। अब सवाल ये उठता है कि भ्रष्ट फूड इंस्पेक्टर किन अधिकारियों को पैसे देने की बात कर रहा है या फिर स्वयं ही अधिकारियों का डर दिखाकर पैसे की वसूली कर रहा है।

आइए हम बताते है ऑडियो में बातचीत के कुछ अंश

व्यापारी और फुड इंस्पेक्टर की बातचीत में भ्रष्ट फूड इंस्पेक्टर व्यापारी को हर काम करवाने की गारंटी ले रहा है। माल छोड़ने और जांच रिपोर्ट पास करवाने तक की भी गारंटी दी जा रही है एवं व्यापारी को हर तरह से डराया जा रहा है बोला कि मेरे बीच में कोई नही आ सकता हालाकि पुलिस ने आपके खिलाफ मामला दर्ज करवाने का भी बोला था। लेकिन मैंने कहा ऐसा नहीं होता पहले हम सैंपल लेते है फिर अगर सैंपल फैल आते है तो हम मुकदमा दर्ज करवाते है क्योंकि एफएसएसएआई एक्ट स्वतंत्र एक्ट है जिसमें पुलिस का कोई रोल नहीं है पुलिस का सिर्फ इतना रोल है कि फुड इंस्पेक्टर को सुरक्षा प्रदान कराई जा सके साथ ही कोई कार्यवाही करने का अधिकार किसी को नहीं है वह सिर्फ मेरा अधिकार है मैंने तो सब आपको बता दिया है।

व्यापारी ने कहा कि पैसे थोड़ा कम करो- इसके जवाब में फूड इंस्पेक्टर ने कहा मैंने तो आपको एकदम सही बता दिया है इससे कम नहीं होंगे दो-तीन दिन बाद एसडीएम और पुलिस को बुलाकर सीज माल खोल दूंगा।

साथ ही भ्रष्ट फूड इंस्पेक्टर ने मीडिया में बदनामी होने का भी डर दिखाया कहा कि मीडिया को भी जवाब देना पड़ता है लेकिन मैं वह सब मैनेज कर लूंगा। धनिया पाउडर के सेंपल पास कराने की गारंटी मेरी है और अगर फिर भी पास नहीं होता है तो रेफरल में भी पास कराने की गारंटी मेरी है लेकिन आपने मेरी बात नहीं मानी तो बात बिगड़ जाएगी फिर आप मुझे मत कहना।

8 तारीख को आपकी प्रेजेंटेशन और पुलिस डिपार्टमेंट और एसडीएम उन सब को बुलाकर सीज खुलवा दूंगा और मैं सैंपल लूंगा जब यह सब लोग आए तब देखना उनका रवैया, सब यही कहेंगे कि फैक्ट्री को वापस बंद करो लेकिन यह मेरे राइट है माल को सीज करु या ना करूं सीज करना या ना करना यह सब मेरे राइट्स है।

लेकिन मैं बोल दूंगा कि पहले सैंपल लेने दीजिए फिर रिपोर्ट आएगी उसके बाद में सीज कर दूंगा।

मेरे से ज्यादा कोई तुझे रास्ता बता नहीं सकता मुझे यह भी पता है कि इस फैक्ट्री के लिए तुमने किस किस से फोन करवाया है पाली में एक व्यक्ति का फोन आया जो बालोतरा के रहने वाला है उनके फादर और मेरे फादर दोस्त है उन्होंने मुझे फोन किया कि भंवर सिंह मेरे मिलने वाला है। कोई बात नही सब अपने-अपने प्रयास करते हैं मेरे को अगर कार्रवाई करनी होती तो मैं किसी से बात नहीं करता सीधी कार्रवाई कर देता।

आप मौके पर होते तो तीन सैंपल लेकर फ्री हो जाते वहीं से सैंपल लेते आपकी प्रेजेंटेशन में आप से हस्ताक्षर करवाते और आपको फ्री कर देते और कहते कि भी हमें यह शक है और शक के कार्रवाई पर इस तरीके की कार्यवाही की है और फैक्ट्री का संचालन तब तक नहीं किया जाए जब तक रिपोर्ट नहीं आ जाती फिर अपन मैडम को कहकर पास की रिपोर्ट निकलवा देते। लेकिन अब वो तो अनसेफ आ गया जो मिर्ची मरुधर ट्रांसपोर्ट कंपनी में पड़ी है वह तो अनसेफ आ गई अब उसके नष्टिकरण की कार्यवाही करवानी पड़ेगी जेसीबी को बुलाकर, जिस समय यह नष्टीकरण होगा। तब आप बच जाओगे में इसका आइडिया बता रहा हु उस टाइम आप आकर बोल देना मेरा यह माल नहीं था ।

पहले मेरा माल आया था उसकी सैंपलिंग हो गई है लेकिन वर्तमान में जो मरुधर ट्रांसपोर्ट कंपनी में माल पड़ा है वह मेरा नहीं है ना ही मेरा वह प्रोडक्ट है और संदेह के दायरे में जो कार्रवाई हुई थी उसमें मेरा अपराध साबित नहीं हुआ। उस दिन 11 बजे से 7 बजे तक कार्यवाही चली है।

आपको बचाने के चक्कर में मेरी नौकरी चली जाए ऐसा काम नहीं करूंगा।

अब आप सोच लिजिए क्या करना है मैने तो आपको सब तरीके समझा दिए है।

पूरी बात लगभग 40 मिनिट की है

हमने आपको खबर के माध्यम से बातचीत के कुछ अंश प्रकाशित किए है एक ही बार में सारी बातों को प्रकाशित नही किया जा सकता है इसके लिए हम इसी खबर का दूसरा भाग प्रकाशित करेंगे और हमारे यू ट्यूब चैनल पर बातचीत का ऑडियो चलाएंगे ताकि ऐसे भ्रष्ट फूड इंस्पेक्टर का पर्दाफाश कर सके जो चंद रुपयों की खातिर आपको हार्ट, किडनी, केंसर की बीमारियां बांटने वाले मिलावटखोरों का साथ दे रहे है और सरकार के इतने बड़े अभियान को असफल करने की कोशिश में लगे है।

घूसखोर फूड इंस्पेक्टर पर क्या अब कोई कार्यवाही होगी या फिर विभाग की उदासीनता भारी पड़ेगी, अगर इस घूसखोर फूड इंस्पेक्टर पर कोई कार्यवाही नहीं होती तो इसका मतलब है कि वास्तव में घूस का पैसा ऊपर तक जा रहा है इसलिए ऐसे लोगो पर विभाग कार्यवाही करने से बच रहा है।

लेकिन विभाग के मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर किसी को बख्शेंगे नही, विभाग अगर अपने फूड इंस्पेक्टर को बचाएगा तो मंत्री खींवसर खुद इस खबर का संज्ञान लेंगे और ऐसे फूड इंस्पेक्टर पर जरूर कार्यवाही करेंगे।

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