विभाग की जांच में गजानंद घी पाया गया अमानक स्तर का, मालिक ने विभाग पर लगाए गंभीर आरोप

निजी लैब में घी हुआ पास, सरकारी जांच में पाया गया अमानक, आखिर क्या बात है जो जांच में फर्क आ रहा है 

जालोर। जयपुर से आई खाद्य सुरक्षा केंद्रीय टीम ने 18 अगस्त को भागली स्थित गजानंद मिल्क प्राइवेट लिमिटेड से लगभग 10400 किलोग्राम घी व 15000 किलो स्कीमड मिल्क पाउडर सीज किया था साथ ही पाउडर व दूध के चार नमूने लेकर जांच के लिए भिजवाए थे जिसमें घी की रिपोर्ट आने के बाद पता चला है कि गजानंद मिल्क प्राइवेट लिमिटेड से लिए गए घी के नमूने अमानक स्तर के पाए गए हैं।

फाइल फोटो

मलिक ने कहा हमारा घी दिल्ली स्थित लेब में हुआ है पास 

सरकारी जांच रिपोर्ट को लेकर कई बार सवाल खड़े हुए हैं और कई बार आरोप भी लगे हैं फैक्ट्री मालिक भरत पटेल ने कहा कि हम गांव से दूध लाकर घी बनाते हैं हमने दिल्ली में निजी लैब में जांच करवाई तो सैंपल सही आया था। विभाग की जांच में ही सैंपल फेल आता है पता नहीं उनको क्या चाहिए हम किसी को एक रुपया नहीं देना चाहते हैं।

शायद इसलिए ही बार बार घी के सैंपल की जांच की जा रही है और सब स्टैंडर्ड बता देते हैं घी के धंधे या किसी भी धंधे में विरोधी तो होते ही हैं और वो शिकायत करवा देते है विभाग बार बार कार्यवाही करवाकर सैंपल भर लेता है और जांच में सब स्टैंडर्ड बता देते है।

सरकार चलाती है अभियान लेकिन विभाग के अधिकारी करते हैं घालमेल 

खाद्य विभाग पर हमेशा कोई ना कोई सवाल उठता रहता है, ऐसा कई बार होता हैं कि विभाग की जांच में घी या अन्य खाद्य सामग्री अनसेफ या अमानक पाई जाती है लेकिन अन्य निजी लैब में घी सही पाया जाता है अब सवाल ये उठता है कि जनता किसकी रिपोर्ट को सही माने, या तो विभाग की रिपोर्ट में भ्रष्टाचार होता है और द्वेष भावना से कार्यवाही होती है या फिर निजी लेब में ज्यादा पैसा देकर रिपोर्ट को पास करवा दिया जाता है बात जो भी हो लेकिन आम जनता पिस रही है और जनता को घटिया खाद्य सामग्री खानी पड़ रहीं है विभाग अपने हिसाब से कार्यवाही करता है और खानापूर्ति करता है जहां चाहें कार्यवाही करते है और जिसे चाहे छोड़ देते है। कोई रोटेशन सिस्टम नही है।

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