एफएसडीए की जांच में दूध निर्मित सामग्री के नमूने सबसे ज्यादा फेल, पाॅम आयल, सिंथेटिक मिला पाया गया। ये सेहत के सिए सबसे अधिक खतरनाक हैं।
आगरा। आगरा में दूध, घी हो या पनीर। लोगों को मानना है कि इससे सेहत अच्छी होती है। पर, अब ये बीमारी की वजह बन रहे हैं। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) की जांच में दूध निर्मित खाद्य सामग्री में सबसे ज्यादा मिलावट मिली। घी, दूध नकली मिले। 65.62 फीसदी नमूने फेल हैं। इनमें से 44 तो सेहत के लिए खतरनाक बताए गए हैं।एफएसडीए के सहायक आयुक्त द्वितीय शशांक त्रिपाठी ने बताया कि 2023-24 में 810 नमूनों की जांच में 541 नमूने फेल थे। दूध समेत इससे निर्मित होने वाली सामग्री के 416 नमूनों में से 273 फेल मिले हैं। 44 नकली प्रोडक्ट पाए गए। दूध के 10 नमूने नकली मिले, जो सिंथेटिक था।
पनीर के सबसे ज्यादा 85 फीसदी नमूने फेल मिले हैं। 69 नमूनों में से 59 में मिलावट पाई गई। इसमें 23 तो सेहत के लिए खतरनाक बताया। मसाले के 36 नमूनों की जांच में 22 में मिलावट और घटिया मिले। इसमें 7 नमूने असुरक्षित थे। इनमें हल्दी, धनिया, मिर्च अधिक रहे। इन पर कोर्ट में मुकदमा चल रहा है और 1.22 करोड़ रुपये का जुर्माना भी वसूला।
मंदिरों के आसपास बिकने वाले प्रसाद की भी जांच कराने के लिए नमूना लेंगे। सहायक आयुक्त खाद्य सैयद शाहनवाज हैदर आबिदी ने बताया कि मिलावट की शिकायत के लिए टोल फ्री नंबर 18001805533 पर फोन कर सकते हैं। प्रसाद के नमूनों के लिए जल्द शासन से गाइडलाइन आएगी।
जांच में ये मिली मिलावट:
दूध: ग्लूकोज, यूरिया, रिफाइंड और डिटरजेंट।
खोआ: मिल्क पाउडर, स्टार्च, रिफाइंड।
घी: वनस्पति तेल में एसेंस और बटर यलो कलर मिला देते हैं।
रिफाइंड: पाम ऑयल।
सरसों के तेल: चावल की भूसी का तेल।
पनीर: मिल्क पाउडर और रिफाइंड।
हल्दी: लैड क्रॉमेट रंग और स्टार्च।
धनिया-मिर्च: ठंडल और रंग।