कब तक होता रहेगा आपके बच्चों की जान से खिलवाड़, जांच रिपोर्ट में लीपापोती का अंदेशा
जयपुर। 15 दिसंबर को जयपुर के गोपालपुरा बाईपास क्षेत्र में स्थित उत्कर्ष कोचिंग की दूसरी मंजिल पर चलती क्लास में एकाएक बच्चे बेहोश होने लगे और अफरा तफरी मच गई थी घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस अधिकारी और प्रशासन की टीम तुरंत वहां पहुंची और बच्चों को अस्पताल पहुंचाया था। इस घटना के बाद कोचिंग सेंटर पर कई सवाल खड़े हुए थे और इस घटना के लिए उत्कर्ष कोचिंग क्लासेज को जिम्मेदार ठहराया गया था एवं एक जांच कमेटी बना बिल्डिंग को सीज किया गया था। लेकिन अब जांच रिपोर्ट आ चुकी है और जांच रिपोर्ट में किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया गया है एवं सबकुछ ठीक होने की बात कही जा रही है।
कमेटी ने जांच कर 7 दिन में पेश की रिपोर्ट में घटना का कारण क्या रहा इसका कोई सबूत नहीं मिलने की बात कही है एवं सीसीटीवी कैमरों की जांच करने के बाद भी किसी तरह का कोई सुराग नहीं मिला है। वही कोचिंग परिसर के आसपास सीवरेज की जांच में भी सभी सीवर चैंबर ठीक मिले किसी तरह का भरा हुआ या ब्लॉकेज जैसी समस्या नहीं दिखाई दी। वही भूखंड स्वामी के पास नगर निगम से जारी फायर एनओसी भी ली हुई है मौके पर फायर फाइटिंग संयंत्र भी लगे हुए थे। एवं किसी तरह का इलेक्ट्रिक शॉर्ट या नया उपकरण जलने के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं। इस तरह की रिपोर्ट से यह अंदेशा होता है कि जांच करने वाली कमेटी या तो समझदार नहीं थी या फिर जांच सही तरीके से करने की इच्छा शक्ति नहीं थी। बच्चे बेहोश हुए थे यह जग जाहिर है लेकिन रिपोर्ट में किसी तरह का कोई कारण नहीं बताना हमारी बच्चों की सुरक्षा के लिए खतरा है और आगे क्या गारंटी है कि हमारे बच्चों के साथ ऐसी कोई अनहोनी ना हो। शुक्र की बात यह है कि घटना में ज्यादा बच्चे घायल नहीं हुए लेकिन अगर यह हादसा बड़ा होता तो जरा सोचे आपके लाडलो या लाडली के साथ क्या हो सकता था।एक बार हमें इसको सुधारने का मौका मिला है लेकिन जांच कमेटी के खाली हाथ हमारे बच्चों की सुरक्षा के लिए खतरा है।
जांच रिपोर्ट में खाली हाथ हमारे सिस्टम की विफलता
उत्कर्ष क्लासेज मैं बच्चों के बेहोश होने के हादसे के बाद क्षेत्र में अफरा तफरी मच गई थी एवं कई छात्र नेताओं ने मौके पर पहुंच कर विरोध दर्ज करवाया था एवं उत्कर्ष क्लासेस में अनियमितताओं को लेकर विरोध किया था एवं उत्कर्ष क्लासेस की बिल्डिंग को सीज करने की मांग की थी मामला बढ़ता देख एवं जनता के विरोध को देखते हुए प्रशासन ने उत्कर्ष क्लासेस की बिल्डिंग सीज कर दी थी एवं एक जांच कमेटी बनाने की बात कह कर मामला शांत करवाया था लेकिन वह मात्र एक धोखा था ताकि आम जनता एवं छात्र नेता शांत हो जाए लेकिन जहां जांच में कमेटी को किसी तरह का कोई सुराग नहीं मिला यह दर्शाता है कि हमारा प्रशासन कितना कमजोर है हमारा नगर निगम कितना कमजोर है एवं जल्दबाजी में रिपोर्ट को पेश कर दिया गया एवं क्लीन चिट दे दी गई लेकिन जिनके बच्चे इस घटना में बेहोश हुए थे उनके दिल में सवाल वही रहेगा कि आखिर हुआ क्या था। क्यों बच्चों की जान पर बन आई थी इस तरह की गंभीर घटना की जांच की रिपोर्ट आनन फानन में पेश कर दी गई है जांच में कुछ नहीं पाए जाने के बाद इसका समय भी बढ़ाया जा सकता था और कुछ सदस्य भी बदले जा सकते थे लेकिन शायद जांच कमेटी की मंशा कुछ और ही थी जिससे कोचिंग सेंटर की बिल्डिंग को जल्द सीज मुक्त किया जा सके और वापस उसी जगह पर आपके बच्चों की जान के साथ खिलवाड़ होता रहे। आखिर इस घटना की जिम्मेदारी कौन लेगा या आगे ऐसी घटना ना हो इसकी गारंटी कौन लेगा, क्या कोचिंग संस्थान अपने कमाई के चक्कर में आपके बच्चों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं यह सब सवाल सभी के मन में उठ रहे हैं और हम इन कोचिंग संस्थानों की पोल खोलेंगे और यह दिखाएंगे की जहां आपके बच्चे अपने करियर को बनाने जा रहे हैं वहां आपके बच्चों की जान को कितना बड़ा खतरा है। यह सब आपको पता होना चाहिए पूरे प्रदेश में सैकड़ो कोचिंग सेंटर है जो अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं जिनको आपके बच्चों की सुरक्षा से कोई लेना-देना नहीं है वह सिर्फ अपनी जेब भर रहे।