पाली। रमजान के मुबारक माह में जहां बड़े आयु के स्त्री पुरुष नौजवान रोज़े नमाज़ इबादत में मशगूल हैं वहीं नन्हे मुन्ने बच्चे भी बड़े उत्साहित है स्थानीय कस्बे बूसी में मुबाशशिरा अली को रोज़े रखे हुए देखने पर उसकी मदरसे की एक नहीं दो नहीं चार चार सहपाठी बच्चियां निलोफर पुत्री वसीम , कक्षा चार उम्र आठ वर्ष,निकहत पुत्री आफरीन ,अय्यूब मास्टर उम्र आठ वर्ष ,शबनम पुत्री रफीक उम्र सात वर्ष,दिलकश कुरैशी पुत्री मो.इंसाफ अपने अभिभावक गण से रोज़े रखने की जिद करने लगी ।लगभग साढ़े तेरह घंटे के रोज़े के वक़्त को देखते हुए पहले तो अभिभावक ने मना कर दिया मगर बच्चियों की जिद के आगे उनको रोज़े रखने की इजाजत दे दी। इन चारो बच्चियों ने साढ़े तेरह घंटे के रोज़े को हंसते हंसते रख कर नमाज़ अदा की अमनो अमान की दुआ की और बड़ों को भी अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति से चकित कर दिया।