कर्नाटक के नतीजों के बाद राजस्थान में भाजपा की मुश्किलें बढ़ी

वसुंधरा को जल्द मिल सकती है प्रदेश की बागडोर

इम्तियाज अहमद, राजनैतिक विश्लेषक 

जयपुर। कर्नाटक के नतीजो ने भाजपा को गहन चिंता में डाल दिया है और अगले 6 महीने में राजस्थान में चुनाव होने हैं लेकिन भाजपा असमंजस की स्थिति में है किसको मुख्यमंत्री का दावेदार बनाएं, किसको नहीं बनाए या फिर सीधा मोदी के नाम से ही चुनाव लड़े यह सारी जद्दोजहद पिछले 2 वर्षों से चल रही है लेकिन भाजपा अभी तक कुछ निष्कर्ष नहीं निकाल पाई है लेकिन अब कर्नाटक चुनावो के नतीजों के बाद भाजपा राजस्थान में किसी भी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहेगी और जल्द ही वसुंधरा राजे को सीएम पद का दावेदार घोषित कर सकती है एवं प्रदेश के चुनाव की कमान वसुंधरा के हाथों में आ सकती है क्योंकि राजस्थान में काफी राजनीतिक भूचाल आने वाले हैं हनुमान बेनीवाल जाट वोट बैंक में सेंध लगाएंगे वही सचिन पायलट की क्या रणनीति होगी यह किसी को पता नहीं है वह अपनी पार्टी के खिलाफ अपनी सरकार के खिलाफ जन संघर्ष यात्रा निकाल रहे हैं आगे उनका क्या फैसला रहेगा यह भी राजस्थान की राजनीति के लिए काफी महत्वपूर्ण रहेगा साथ ही आम आदमी पार्टी भी दमखम से चुनाव लड़ने की तैयारी में है और सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है एवं हनुमान बेनीवाल की पार्टी जाट वोट पर अपना दावा करती है लेकिन शायद हनुमान बेनीवाल के लिए भी इस बार राह आसान नहीं होगी क्योंकि हरियाणा की जननायक जनता पार्टी भी इस बार 30 से 50 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुकी है जानकारी यह भी आ रही है कि वह भाजपा के साथ कुछ सीटों पर गठबंधन करके चुनाव लड़ सकती है ऐसे में हनुमान बेनीवाल के वोट बैंक खिसकने का डर रहेगा इनेलो वर्ष 2003 एवं 2008 में चुनाव लड़ चुकी है एवं उस समय 2003 में 50 सीटों पर चुनाव लड़कर चार विधायक जीत गए थे एवं 2008 में 4 सीटों पर भाजपा से गठबंधन करके चुनाव लड़ा था उस समय भी इस पार्टी की काफी अच्छी परफॉर्मेंस रही थी हालांकि उस समय हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला साथ थे लेकिन अब ओमप्रकाश चौटाला के दोनों पुत्र अलग अलग होने से जो नई पार्टी बनी है वो चुनाव लड़ रही है हरियाणा में जननायक जनता पार्टी से दुष्यंत चौटाला उप मुख्यमंत्री भी है इन सब परिस्थितियों को देखते हुए भाजपा वसुंधरा राजे को प्रदेश की कमान देकर आगे बढ़ाना चाहेगी क्योंकि अब समय कम है चुनाव की तैयारी करनी पड़ेगी अगर भाजपा ऐसे ही एक फैसला नहीं लेगी तो अगली प्रदेश की सरकार कांग्रेस की हो सकती है ऐसे पिछले कुछ दिनों से वसुंधरा राजे भीं सक्रिय हो चुकीं है भरतपुर, नाथद्वारा, आबूरोड की सभाओं में मोदी और शाह का समर्थन मिलता भी दिखाई दे रहा था एवं 4 दिन पूर्व ही वसुंधरा ने जोधपुर, नागौर, खाटू, कुचामन के बीच रास्ते में 238 किलोमीटर के सफर में रास्ते 50 से ज्यादा जगह पर वसुंधरा का जबरदस्त स्वागत हुआ था इसलिए कर्नाटक के नतीजों के बाद वसुंधरा राजे को जल्द ही प्रदेश की कमान मिल सकती है।