चिकित्सक की लापरवाही के लिए श्री राम हॉस्पिटल को जिम्मेदार माना ,अस्पताल की अपील आयोग ने अस्वीकार की
जोधपुर। राज्य उपभोक्ता आयोग ने चिकित्सकिय लापरवाही के लिए श्री राम हॉस्पिटल को जिम्मेदार मानते हुए अस्पताल की अपील को अस्वीकार कर जिला मंच द्वारा पारित आदेश को उचित मानते हुए₹3 लाख हर्जाना दिए जाने के आदेश को सही माना है l
राज्य उपभोक्ता आयोग जोधपुर पीठ के समक्ष श्री राम अस्पताल ने अपील प्रस्तुत करते हुए जिला मंच जोधपुर द्वितीय द्वारा पारित आदेश को अस्वीकार करने की अपील करते हुए बताया की परिवादी महेश परिहार ने अपने 2 वर्षीय पुत्र रौनक परिहार के हर्निया के इलाज हेतु श्री राम अस्पताल में संपर्क किया l चिकित्सालय में उसे इलाज से पूर्व कुछ जांच जांच करवाने के लिए कहा और रिपोर्ट देखने के बाद यह कहा कि उसके पुत्र का हर्निया ऑपरेशन करना पड़ेगा l परिवादी के पुत्र को हर्निया के ऑपरेशन के लिए भर्ती कर लिया एवं ऑपरेशन करके फीस प्राप्त कर ऑपरेशन के पश्चात परिवादी के पुत्र को डिस्चार्ज कर दिया l अस्पताल से छुट्टी देने के पश्चात पेट में असहनीय दर्द होने लगा , पेट दर्द व पेशाब में रुकावट की शिकायत हुई जिस पर पुनः अस्पताल को दिखाया और 6 दिन तक भर्ती रखा और उसके बाद उसे डिस्चार्ज करके₹3700 वसूल किये l ऑपरेशन से पूर्व सोनोग्राफी रिपोर्ट के अनुसार परिवादी के पुत्र का मूत्राशय पूर्ण रूप से स्वस्थ था l डिस्चार्ज करने के बाद उसकी हालत में सुधार नहीं हुआ पेशाब नहीं लगने और दर्द की शिकायत पर उसने एक अन्य अस्पताल में अपने पुत्र की जांच करवाई तो जानकारी मिली कि उसके हर्निया का ऑपरेशन करते समय मूत्राशय पंचर हो गया जिसकी वजह से यह परेशानी हुई और उसे ठीक करने के लिए पुनः ऑपरेशन करना पड़ेगा l इस पर अन्य अस्पताल में पुनः ऑपरेशन करवाने के लिए उसे जयपुर अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा l अस्पताल के चिकित्सक ने स्पष्ट रूप से बताया कि पूर्व अस्पताल में उसके पुत्र का हर्निया का ऑपरेशन करने वाले चिकित्सक द्वारा घोर असावधानी पूर्वक ऑपरेशन किया गया जिससे उसके पुत्र का मूत्राशय पंचर हुआ।
इसको आधार बनाकर परिवादी ने जिला आयोग में चार लाख रुपए की राशि जो खर्च हुई व अन्य खर्च की राशि व मानसिक परेशानी हर्जाना के 1933700 दिलाने की प्रार्थना की l जिला आयोग में परिवादी के परिवाद को स्वीकार करते हुए चिकित्सक की लापरवाही मानते हुए₹300000 की राशि हर्जाना के तौर पर देने एवं परिवाद व्यय के ₹5000 की राशि देने के आदेश किया l
इसके विरुद्ध श्री राम हॉस्पिटल ने राज्य आयोग के समक्ष अपनी अपील प्रस्तुत की अस्पताल की ओर से बताया गया कि परिवादी ने कोई योग्य चिकित्सक या कमेटी की विशेषज्ञ की कोई रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गई है तथा उनके द्वारा जो सर्जरी की गई थी वह सही की गई थी तथा अल्ट्रासाउंड किया गया जिसमें पाया कि मरीज की दोनों किडनी सामान्य है l और विशेषज्ञ की भी सलाह लिया और फिर उसे डिस्चार्ज किया गया l उनके द्वारा आपत्ति ली गई थी डॉक्टर राय चौधरी के द्वारा हर्निया की सर्जरी में रहे पंचर का कथन पूरी तरह असत्य है ,उसके द्वारा अपने कथनों के समर्थन में ऑपरेशन से संबंधित कोई फोटोग्राफ प्रस्तुत नहीं किए हैं l परिवादी ने जयपुर के चिकित्सक से मिली भगत करके परिवाद प्रस्तुत किया है जिसे खारिज करने की प्रार्थना की l
आयोग ने दोनों पक्षो की बहस सुनने के पश्चात अपने निर्णय में कहा की परिवादी के पुत्र को जयपुर के अस्पताल में भर्ती होना पड़ा यह तथ्य स्वीकृत रूप से सही है l परिवादी के पिता ने अपने पुत्र को जोधपुर में भी एसएन मेडिकल कॉलेज में दिखाया इस तथ्य का खंडन का अस्पताल ने नहीं किया है l एक अन्य सोनोग्राफी रिपोर्ट प्रस्तुत हुई है परिवादी के पुत्र को लगातार परेशानी होने के कारण जयपुर अस्पताल ले जाना पड़ा जहां उसका इलाज हुआ तथा डिस्चार्ज समरी भी परिवादी के पिता ने प्रस्तुत किया जिससे यह प्रमाणित होता है कि पारिवादी के पुत्र को जयपुर में भर्ती करना तथा उसकी शल्य चिकित्सा हुई तथा वहां से डिस्चार्ज हुआ l जयपुर के चिकित्सक द्वारा यह प्रमाणित किया गया है कि शल्य चिकित्सा में लापरवाही रही है जिसके कारण परिवादी के पुत्र को जयपुर ले जाकर पुनः सर्जरी करवानी पड़ी l समस्त दस्तावेजों एवं मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर आयोग के पीठासीन सदस्य के.एल, गुप्ता एवं सदस्य लियाकत अली ने श्री राम हॉस्पिटल की अपील को खारिज करते हुए जिला मंच द्वारा दिए गए आदेश को उचित मानकर अपील को अस्वीकार कर दिया l अपीलार्थी की ओर से महेंद्र पारीक विपक्षी परिवादी की ओर से अधिवक्ता हिमांशु सोनी अधिवक्ता ने बहस की।