गोरम घाट पर बहने लगा है खूबसूरत झरना अब ट्रेन की टेंशन नहीं, अपनी गाड़ी से भी जा सकते हैं

पाली। मारवाड़ जंक्शन से मावली अंग्रेजों के जमाने में बिछाई गई मीटर गेज ट्रेन में सफर करना सैलानियों को बहुत अच्छा लगता है इस रूट पर अरावली की वादियों में बसा गोरम घाट बरसात के मौसम में सैलानियों से गुलजार हो जाता है यहां की हरी-भरी वादियां और तेजी से बहते झरने और अंग्रेजों के जमाने में बनाए गए ट्रेक से जब ट्रेन गुजरती है तो नजारा देखने को बनता है बरसात के मौसम में यहां आने वाले सैलानियों की संख्या बढ़ जाती है जोधपुर, उदयपुर, जयपुर, अजमेर, सिरोही सहित पूरे प्रदेश से सैलानी आते हैं

आज भी चलती हैं मीटर गेज ट्रेन

आज जहां पूरे भारत में इलेक्ट्रिक ट्रेन, डीजल इंजन ट्रेन चलती है लेकिन आज भी मारवाड़ जंक्शन और मावली के बीच मीटर गेज ट्रेन चलती है पिछले दिनों हुई बारिश से फिर गोरम घाट में झरना बहने लगा है क्षेत्र में अच्छी बरसात होने पर जोग मंडी का झरना अच्छे वेग के साथ बहता है और बरसात कम होने पर धीरे हो जाता है यहां की हरी-भरी वादियां खेलते कूदते बंदर और अंग्रेजों के जमाने में बिछाया गया रेलवे ट्रैक एक अलग ही सुखद अनुभव देता है

अब निजी वाहन लेकर भी पहुंच सकते हैं गोरम घाट

पहले गोरम घाट आने के लिए मारवाड़ जंक्शन रेलवे स्टेशन से आने वाली मीटर गेज ट्रेन का सहारा लेना पड़ता था और कई बार ट्रेन चूक भी जाती थी और साधन भी नहीं मिलते थे या फिर 6 से 7 किलोमीटर की पैदल यात्रा करके गोरम घाट पहुंचते थे लेकिन सैलानियों की संख्या को देखते हुए झरने तक सैलानियों के लिए एक कच्चा रास्ता बनाया गया है जहां टेंपो, कार, जीप, बोलेरो, बस जैसी गाड़ियां लाई जा सकती है मारवाड़ की तरफ से आने वाले सैलानी राणावास होते हुए फुलाद पहुंचते हैं फुलाद के अंदर से जाने वाले रास्ते से आगे जाने पर उन्हें वन विभाग का एंट्री गेट नजर आ जाएगा यहां से एंट्री लेकर गोरम घाट के जोग मंडी झरने तक अपने निजी वाहन से आराम से पहुंच सकते हैं।

फुलाद के आगे गाड़ी एंट्री के लिए देना होगा चार्ज

वन विभाग ने गोरम घाट जाने के लिए प्रति सैलानी एंट्री फीस 85 रुपए रखी है कैमरे से फोटो वीडियो लेने के लिए सैलानियों को ₹890 चार्ज देना होगा लेकिन सैलानी अपने मोबाइल कैमरे से निशुल्क फोटो वीडियो ले सकते हैं यहां तक बाइक लाने के लिए 55 रुपए, कार के लिए 305 रुपए, ऑटो के लिए 100 रूपये और बस लाने के लिए 450 रुपए की फीस देनी होगी जिससे सैलानियों को ट्रेन की निर्भरता कम हो जाएगी एवं इस हरी-भरी वादियों में सुखद अनुभव लेकर झरने का आनंद लिया जा सकता है।

90 वर्ष पूर्व बिछाई गई थी यह रेलवे लाइन
ब्रिटिश राज में सन 1932 में मारवाड़ व मेवाड़ इलाके को जोड़ने के लिए यह रेल लाइन बिछाई गई थी 1938 में मावली से मारवाड़ जंक्शन तक ट्रेन शुरू हुई मीटर गेज ट्रेक 152 किलोमीटर का है, 22 किलोमीटर का सफर पहाड़ों के बीच से होकर गुजरता है, करीब 6 घंटे का है मारवाड़ी से मावली तक का सफर जिसका मनमोहक नजारा देखते बनता है।

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