कार्यक्रम की जबरदस्त तैयारिया की गई थी, 9 जून का इंतजार था, प्रताप सभागार खचाखच भरा था, सभागार के बाहर लगी गाड़ियों की लाइन
इम्तियाज अहमद
जयपुर। घट घट के वासी राम कथा का आयोजन प्रसिद्ध आध्यात्मिक प्रेरक एव ध्वजा वाहक पंकज ओझा के मुखवाणी से कथा का वाचन हुआ। धर्म फाउंडेशन ट्रस्ट के सहयोग से कार्यक्रम आयोजन किया गया है। कथावाचन में ओझा ने प्रभु राम के जीवनकाल की प्रस्तुति दी। मुखवाणी के कुछ अंश में उन्होंने बताया की माता सीता के विवाह की जिम्मेदारी उनके भाई द्वारा की जाती है जैसे रीति रिवाज में मंगलाचरण जो भी भाई के द्वारा की जाती है यह किसने किया। शादी में ब्रह्मा, विष्णु, महेश, गणेशजी, देवी देवता, तुलसीदास जी के आदि विवाह में सम्मलित हुए। जब भाई द्वारा रीति रिवाज निभाने की बारी आई तो भाई को आवाज दी इसमें विवाह में विलंब हुआ है धरती माता चिंतित हुई। तभी श्यामवर्णी व्यक्ति उठता है मै सीता माता का भाई हूं वह कौन थे । वह स्वहम एक नवग्रह में से एक मंगल देव थे, जो माता सीता का जन्म पृथ्वी से हुआ था और मंगलदेव भी पृथ्वी पुत्र थे। जो वेश बदलकर शादी में प्रस्तुत हुए थे। कथा वाचन में बड़ी संख्या में श्रद्धालु नागरिकों की मौजूदगी रही।
धर्म फाउंडेशन ट्रस्ट रजी. के सहयोग से सुधीर जैन, जेडी महेश्वरी, एमएल सोनी, प्रसन्नजीत मालू, रामनिवास मधुरिया, जेके जैन, आरके गुप्ता व गब्बर कटारा की और से कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कथा में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद की व्यवस्था की गई थी।