जालोर से न्याय यात्रा सातवें दिन पहुंची ब्यावर शर्ट उतारकर नारेबाजी के साथ गहलोत सरकार का विरोध प्रदर्शन

जालोर/ब्यावर। राजस्थान में दलित आदिवासी समाज पर अत्याचार के मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे है। सूबे की कांग्रेस सरकार विभिन्न फ्री की योजनाओं के माध्यम से जनता को लुभाने की कोशिश कर रही है। जबकि राज्य का दलित आदिवासी कितना दुखी है, इस पर गहलोत सरकार कोई अमल नहीं कर रही है। इसी को लेकर जालोर से भीम आर्मी प्रदेशाध्यक्ष गोपाल परमार के नेतृत्व में दलित आदिवासी बहुजन समाज की न्याय यात्रा गुरुवार को ब्यावर पहुंची। यह पैदल न्याय यात्रा जालोर से गत 25 जुलाई को रवाना हुई थी जो गुरुवार 31जुलाई को प्रात: 10 बजे ब्यावर पहुंची। जहां समाज के बाबा साहेब के अनुयायियों द्वारा फूल माला पहनाकर स्वागत किया गया। वहीं ब्यावर में न्याय यात्रा के द्वारा अंबेडकर सर्कल पर बनी बाबा साहेब की मूर्ति पर पुष्प अर्पित कर माल्यार्पण किया।

न्याय यात्रा का उद्देश्य

यह न्याय यात्रा जालोर से आदिवासी दलित समाज पर हो रहे अत्याचार को लेकर जयपुर जा रही है। जहां यह दलित आदिवासी समाज भारी संख्या में सीएम ऑफिस का घैराव कर अपनी मांगे रखेंगे। वहीं सीएम के नाम ज्ञापन सौंपेंगे।

यह है मांगे

जसवंतपुरा में संत रविदास जी महाराज की हत्या के एक साल बाद भी न्याय नहीं मिला है। जिसका इनके अनुयायों में सरकार के विरुद्ध भरी रोष व्याप्त है। इसके अलावा आहोर के मृतक कालूराम मेघवाल के परिजनों ने बताया कि कालूराम की लाश होटल के पीछे पांच दिन पड़ी रही लेकिन हमे इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई। होटल मालिक के द्वारा इस घटना को अंजाम दिया गया है। पुलिस इस पर कोई कार्यवाही नहीं कर रही है। न्याय मिले इसके लिए हम जयपुर सीएम आवास जाकर सीएम से न्याय की गुहार लगाएंगे।

न्याय यात्रा में शामिल सूजाराम ने बताया कि मेरा पुत्र सुमेराराम मेघवाल व महेंद्र मेघवाल पुत्र जगाराम बावतरा में केन्वा बीज फैक्ट्री में मजदूरी पर जाते थे। गत 9 जुलाई को सुबह फैक्ट्री मालिक के द्वारा सुबह जल्दी बुलाकर फैक्ट्री ले जाया गया। वहीं दोपहर के बाद उन्होंने महेंद्र व सुमेरा राम को फैक्ट्री से बुलाकर लगभग 500 मीटर दूर अपने अनार के खेत में लेकर जाकर उन्होंने घटना को अंजाम दिया। जहां दोनों की बॉडी को हमे बताएं बिना ही मौके से उठा दिया गया। हमने 10 जुलाई 2023 को एफ आई आर पुलिस थाना सायला में लिखवाई थी। पुलिस ने मुलजिमानों की साठ गांठ से मुकदमे को अलग मोड़ देकर घटना बता दिया जबकि इन दोनों को सोची समझी साजिश के बाद मौत के घाट उतारा गया। वहीं हमने कई बार जालोर जिला पुलिस अधीक्षक को लिखित में ज्ञापन दिए है। लेकिन पुलिस अभी तक हमारी कोई सुनवाई नहीं कर रही है। जिसके बाद मजबूर होकर हमे जयपुर के लिए कूच करना पड़ रहा है। वहीं अगर सरकार भी हमारी सुनवाई नहीं करती है और हमारी मांगों पर विचार नहीं करती है तो हम आगे सरकार को चुनावों में सबक सिखाएंगे तथा वर्तमान सरकार के उम्मीदवारों के चुनाव प्रचार पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। परिजनों का आरोप है कि पुलिस प्रशासन की मिलिभक्ति के चलते हमे न्याय नहीं मिल रहा है। हम राज्य सरकार से सीबीआई जांच सहित रिपोस्टमार्टम की मांग करते है। जिससे हमारी निष्पक्ष जांच हो और हमे न्याय मिल सके।

हाथों में काले पट्टे बांधकर व शर्ट उतारकर अलग प्रकार से विरोध प्रदर्शन

दलित आदिवासी समाज पर अत्याचार के विरुद्ध चल रही न्याय यात्रा के द्वारा गुरुवार को ब्यावर शहर में अपने शर्ट उतारकर व हाथों में काले पट्टे बांधकर विरोध जताया। भीम आर्मी प्रदेशाध्यक्ष परमार ने बताया कि आज तो हमने सिर्फ शर्ट उतारा है, अगर जल्द ही सरकार हमारी मांगों पर अमल नहीं करती हैं तो आगे सरकार को इच्छारा ही काफी है।

यह रहे मौजूद

इस दौरान न्याय यात्रा में श्री ओमप्रकाश जी महाराज सुंधामाता, सूजाराम सांगाणा, पारसा राम, घेवाराम, डायाराम, गेबाराम चौहान, हपेंद्र, ओमाराम, मेघराज राठौड़, महेंद्र निम्बला, पप्पू परदेशी, प्रकाश, रमेश दहिवा, रेशमाराम तथा ब्यावर से बाबा साहेब के अनुयायी सहित सैकड़ों प्रदर्शनकारी राज्य सरकार के विरुद्ध नारेबाजी करते हुए जयपुर के लिए पैदल कुच कर रहे है।