राजस्थान में तीसरे विकल्प की तलाश, जेजेपी ने दिखाया दम, 20 सीटो पर चुनाव लड़ दिखाई उपस्थिति

राजस्थान की जनता कांग्रेस और भाजपा के अलावा कोई मजबूत विकल्प की और देख रही है, जेजेपी से बंधी उम्मीदे

जयपुर। राजस्थान में हमेशा से ही कांग्रेस और भाजपा का बोलबाला रहा है पिछले कई दशकों से जनता भाजपा से त्रस्त आकर कांग्रेस को वोट करती है और कांग्रेस से त्रस्त होकर भाजपा को वोट करती है लेकिन आम जनता जब तीसरे विकल्प की और देखती है तो कोई अन्य विकल्प दिखाई नही देता है। 2003 में ओम प्रकाश चौटाला और अजय चौटाला के नेतृत्व में इनेलो ने दमदार एंट्री दी थी और 6 सीट जीतकर आए थे लेकिन चुनाव बाद फिर से संगठन खड़ा नही हो सका था 2018 में हनुमान बेनीवाल ने भी अपने आप को मजबूत विकल्प के तौर पर प्रस्तुत किया था लेकिन वह भी राजस्थान में विकल्प देने में कामयाब नही हो सके।

जेजेपी की इस बार हुई है धमाकेदार एंट्री

जेजेपी ने भले ही 20 सीटो पर चुनाव लडा हो लेकिन इन 20 सीटो पर प्रचार प्रसार के अनुसार चाबी का बोलबाला रहा है जेजेपी का चुनाव लडने का तरीका, जेजेपी की हरियाणा की टीम का काम करने का तरीका सभी पार्टियों से अलग है चुनाव मैनेजमेंट भी बहुत शानदार रहा है जेजेपी की सीटे कितनी भी आए वो मायने नही रखता लेकिन जहां भी जेजेपी ने चुनाव लडा है वहां वहां वो चर्चे में रही है जनता ने जेजेपी को तीसरे विकल्प की तरह देखा है और अगर जेजेपी लगातार राजस्थान में सक्रिय रहती है तो राजस्थान में तीसरे विकल्प के तौर पर जनता का साथ मिलेगा इसके लिए पूरे राजस्थान में संगठन खड़ा करना पड़ेगा लेकिन ये चुनौती भरा कार्य होगा जेजेपी अगर राजस्थान में लगातार सक्रिय रहती है तो तीसरे विकल्प के तौर पर जनता का अपार समर्थन मिल सकता।