महिला लोन देने वाले बैंक से परेशान महिलाएं कर रही है आत्महत्या या चुन रही है गलत रास्ता

जयपुर। महिला लोन के नाम पर महिलाओं को जोड़कर लोन देने और उस पर भारी ब्याज जोड़ने का गोरखधंधा जोरो पर चल रहा है और देश में कई हिस्सों से ये खबरे आ रहीं है कि महिला लोन देकर उनके एजेंट उन महिलाओं के साथ जबरदस्ती, बदसलूकी और घर पर आकर गंदी गंदी गालियां तक देते है महिला लोन देने के बाद इस तरह की वसूली पूरे तरीके से गैर कानूनी है अगर आपके साथ भी कोई एजेंट ऐसा करता है तो हमे बताए हम उठाएंगे आपकी आवाज

महिलाओं को लोन देने के लिए बिछाया जाता है जाल

ये छोटी बैंक महिलाओं को लोन देकर उसको अपने जाल मे फांसने का काम कर रही है ये स्माल बैंक हर क्षेत्र में एक महिला एजेंट चुनते है जो उस क्षेत्र में सबको जानती हो और थोड़ा प्रभाव रखती हो ऐसे महिला को थोड़ा कमीशन का झांसा दिया जाता है उसके बाद वो महिला एजेंट क्षेत्र में घूमकर अन्य महिलाओं को लोन दिलाने का प्रलोभन देती है और कुछ महिला उनके झांसे में आकर लोन ले लेती है जिसमे लोन दिलाने वाली महिला का कमीशन, बैंक का ब्याज, बैंक का प्रतिनिधि सभी का कमीशन उस लोन में जोड़ दिया जाता है और भारी ब्याज दर भी जोड़ दिया जाता है फिर चलता है वसूली का खेल।

वसूली के लिए महिलाओं को करते है प्रताड़ित और नही देंने पर करते है तन की भी मांग

इस लोन की ब्याज दर इतनी ज्यादा होती है कि महिलाएं ये किस्त भरते थक जाती है और किस्त एक दो दिन ऊपर नीचे हो जाती है तो उसमें भी ब्याज जोड़ दिया जाता है और ब्याज पर ब्याज जोड़कर उलझाए रखा जाता है और जब किस्त नही भरी जाती है तो ये एजेंट पहले तो फोन पर टॉर्चर करते है फिर महिला एजेंट को आगे करते है और फिर भी किस्त नही आती है तो घर के बाहर जाकर गालियां तक देते है और कहीं कहीं तो कमरे में बैठकर जिस्म का सौदा करने की बात सामने आ रही है बैंको के इस तरह के घिनौने कृत्य को कोई रोकने वाला नही है और बैंको के इस तरह की वसूली की इजाजत नहीं है फिर भी ये बैंक कानून को हाथ में लेकर ऐसा कर रहे है जिसको लेकर कई महिलाओं ने आत्महत्या भी की है और किस्त के बदले अपना तन भी दिया है अगर कोई भी इस तरह से वसूली करता है तो इसकी शिकायत पुलिस थाने में की जा सकती है या आरबीआई को इसकी शिकायत करे।

ऐसा क्यों करते है ये स्माल बैंक, क्या है पूरी कहानी

दरअसल ये बैंक 12%-30% तक पर छोटे लोन देते हैं और साप्ताहिक या 15 दिन पर किश्त वसूलने आते हैं। इनका उद्देश्य अपना मार्केट कैप बेहतर करना है। दरअसल रिजर्व बैंक की गाइडलाइंस के अनुसार स्मॉल बैंक अगर आगे चलकर फुल टाइम बैंकिंग सेवाओं में आना चाहते हैं तो पांच साल तक इन्हें देश के ग्रामीण इलाकों में सेवाएं देनी होंगी। इसमें स्वयं सहायता समूहों को उचित दर पर लोन देना, छोटे किसानों को खेती या पशुपालन आदि के लिए लोन देना, ग्रामीण महिलाओं को बैंकिग से जोड़ना आदि काम शामिल हैं। इन बैंकों का काम करने का तरीका बताता है कि ये सिर्फ आरबीआई से वैधता चाहते हैं।

अगर आपके साथ कोई ऐसा करता है तो क्या करे।

अगर कोई भी महिला ऐसे वसूली एजेंट से परेशान है तो पहले उस लोन की ब्याज की गणना करे और उस पर लेने वाली पेनल्टी की जानकारी ले और अगर किस्त भरने में देरी होती है तो बैंक से समय मांगे और किसी भी तरह की बदसलूकी करते है तो पुलिस में उनकी शिकायत करे।

महका संसार है आपके साथ, हम करेंगे आपकी पूरी मदद

महका संसार लगातार आम जनता से जुड़े मुद्दे उठा रहा है और इस मुद्दे पर भी हमे कई शिकायते मिली है अगर आपके साथ भी कोई बैंक का प्रतिनिधि गलत व्यवहार करता है तो हम आपके साथ है आप हमे बताए हम लेंगे ऐसे लोगो की पूरी खबर और कानून को हाथ में लेने वालो को पहुंचाएंगे सलाखों के पीछे जिससे आम महिलाओं के साथ अत्याचार न कर सके।