राजस्थान में दो पाकिस्तानी जासूस गिरफ्तार:महिलाओं के नाम से फर्जी अकाउंट बना आर्मी अफसरों को फंसा रहा थे, जानकारी लेने की कोशिश कर रहे थे

राजस्थान इंटेलिजेंस ने ISI के दो जासूसों को शनिवार रात गिरफ्तार किया है। दोनों जासूस भीलवाड़ा और पाली में स्थानीय एजेंट्स है। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के अफसरों के इशारों पर इंडियन आर्मी की सूचनाएं भेज रहे थे। इनमें से एक महिला के नाम से भारतीय सेना के जवानों से दोस्ती करता था। फिर सूचनाएं प्राप्त करता था। सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तान भेजी सूचनाओं के एवज में दोनों जासूसों के बैंक अकाउंट में यूपीआई के जरिए रुपए भी ट्रांसफर हुए हैं।

डीजी (इंटेलीजेंस) उमेश मिश्रा ने बताया कि राजस्थान सीआईडी इंटेलिजेंस पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की ओर से राजस्थान में की जाने वाली जासूसी गतिविधियों पर निगरानी रख रही है। इसे ऑपरेशन सरहद नाम दिया गया है। ऑपरेशन सरहद के तहत साल 2022 में अभी तक 6 प्रकरण दर्ज कर जासूसों को पकड़ा गया है। इंटेलिजेंस इनपुट के आधार पर भीलवाड़ा के बेमाली निवासी नारायण लाल गाडरी (27) को भीलवाड़ा और विराटनगर जयपुर के गांव सुरजपुरा निवासी कुलदीप सिंह शेखावत (24) को जैतारण पाली से गिरफ्तार किया गया है।

आरोपी कुलदीप सिंह शेखावत जैतारण पाली में आनन्दपुर-कालु शराब दुकान पर सेल्समैन है। दोनों के सोशल मीडिया अकाउंट्स के जरिए पाकिस्तान खुफिया एजेंसी से निरंतर कॉन्टैक्ट होने की जानकारी इंटेलिजेंस को मिली थी। सीआईडी इंटेलिजेंस पिछले काफी समय से दोनों जासूसों की गतिविधियों पर लगातार नजर रखे हुई थी। ISI के स्थानीय एजेंट जासूस नारायण लाल और कुलदीप सिंह को गिरफ्तार किया गया। इंटेलिजेंस टीम दोनों जासूसों से पूछताछ कर रही है।

नए मोबाइल सिमकार्ड कार्ड जारी करवाने का काम भी दिया गया था

पूछताछ में सामने आया है कि बेमाली भीलवाड़ा निवासी नारायण लाल गाडरी पाकिस्तानी जासूसी एजेंसियों के कॉन्टैक्ट में था। रुपयों के लालच में पाक हैंडलिंग अफसरों के चाहने पर विभिन्न मोबाइल कंपनियों के सिमकार्ड जारी करवाता। पाक हैंडलिंग अफसरों की ओर से भारतीय मोबाइल नम्बरों से सोशल मीडिया अकाउंट संचालन के लिए उपलब्ध कराता। उन मोबाइल नम्बरों पर सेना से संबंधित गोपनीय सूचनाएं भेज रहा था।

महिला बनकर आर्मी अफसरों को फंसाता था जाल में

ISI के पाली का स्थानीय जासूस कुलदीप सिंह शेखावत पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की महिला हैंडलिंग अफसर के संपर्क में था। रुपयों के लालच में महिला पाक हैंडलिंग अफसर के चाहे जाने पर फर्जी महिला के नाम से और फर्जी सैन्यकर्मी बनकर सोशल मीडिया पर अकाउंट बनाकर भारतीय सेना के जवानों से दोस्ती करता। दोस्ती कर उनसे भारतीय सेना से संबंधित गोपनीय सूचनाएं प्राप्त कर पाक महिला हैंण्डलिंग अफसर को उपलब्ध करवा रहा था।

ऑनलाइन यूपीआई के सहारे लेते थे पेमेंट

भारतीय सेना की गोपनीय सूचनाएं पाकिस्तान खुफिया एजेंसी के हैंडिलिंग अफसरों के इशारों पर भेज रहे थे। सामरिक महत्व की सूचनाओं को भेजने की एवज में अपने-अपने बैंक अकाउंट में यूपीआई के जरिए पेमेंट ले रहे थे। मोबाइल फोनों की तकनीकी जांच में इसकी पुष्टि हुई है।

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