जनता को ऐसे पत्रकारों के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए, आगे आकर करनी चाहिए शिकायत
इलाहाबाद। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि सरकार द्वारा ऐसे पत्रकारों का लाइसेंस रद्द कर देना चाहिए जो ब्लैकमेलिंग और असमाजिक गतिविधियों में लिप्त हैं।
मामला पत्रकार पुनीत मिश्रा और एक समाचार पत्र विक्रेता पर आम लोगों की मर्जी के बिना उनकी तस्वीरें लेकर उनसे जबरन वसूली करने और निर्दोष आम लोगों के खिलाफ उक्त सामग्री प्रकाशित करने को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है।
आरोपियों के वकील ने कोर्ट को बताया कि मामले में आरोपितों को जानबूझकर फंसाया गया है और पुलिस द्वारा आरोप-पत्र भी बिना किसी पर्याप्त जांच के दाखिल कर दिया गया।
वहीं, राज्य की तरफ से महाधिवक्ता और अतिरिक्त महाधिवक्ता ने कोर्ट से कहा कि पूरे प्रदेश में एक गिरोह चल रहा है जिसमें बहुत से पत्रकार शामिल हैं। ये गिरोह आम लोगों के खिलाफ अखबार में खबरें छापकर समाज में उनकी प्रतिष्ठा धूमिल करने का डर दिखाकर उनसे जबरन वसूली जैसी कई असमाजिक गतिविधियों में लिप्त हैं।
जिस पर कोर्ट ने कहा कि यह मामला बहुत गंभीर है और अगर पत्रकार अपने लाइसेंस की आड़ में इस तरह की असमाजिक गतिविधियों में संलिप्त पाए जाते हैं तो राज्य मशीनरी को इसका संज्ञान लेना चाहिए और ऐसे पत्रकारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करना चाहिए साथ ही ऐसे पत्रकारों का लाइसेंस रद्द करना चाहिए।