बुलंदशहर। खाद्य पदार्थों की जांच के दौरान दूध और पनीर में डिटर्जेंट व रिफाइंड की मात्रा पाई गई। करीब दो माह पहले खुर्जा स्थित एक डेयरी से लिए गए दूध और पनीर के सैंपल जांच में फेल पाए गए। इसके अलावा खाद्य पदार्थों के 34 सैंपल जांच में अधोमानक पाए गए हैं। अब इन खाद्य पदार्थों को बिक्री करने वाले व्यापारियों को नोटिस जारी करते हुए एडीएम न्यायालय में वाद दायर करने की तैयारी है।
खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने करीब दो माह पहले खुर्जा क्षेत्र में दूध, पनीर विक्रेता के यहां छापामार कार्रवाई की थी। टीम को सूचना मिली थी कि नकली दूध तैयार करते हुए उससे पनीर बनाया जा रहा है। टीम ने मौके से दूध और पनीर का एक-एक सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा था। इसके अलावा होली के त्योहार के नजदीक टीम ने विभिन्न स्थानों से रंगीन कचरी, रिफाइंड ऑयल, खाद्यान्न, बेकरी उत्पाद के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे थे। अब प्रयोगशाला से प्राप्त हुई इन सैंपल की जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि नकली दूध बनाने के लिए डिटर्जेंट और रिफाइंड का प्रयोग किया गया था। इसके अलावा नगर के मोहनकुटी से लिए गए रंगीन कचरी के सैंपल में खतरनाक रंग मिले होने की पुष्टि हुई है। प्रयोगशाला से प्राप्त हुई रिपोर्ट में दूध का एक, पनीर के चार, रंगीन कचरी, नमकीन, दाल और गुड़ के एक-एक सैंपल असुरक्षित पाए गए हैं। इसके अलावा दूध के 14, पनीर व घी के तीन-तीन, रिफाइंड के दो, दाल के दो और तीन अन्य खाद्य पदार्थों के सैंपल अधोमानक पाए गए हैं। विशेषज्ञ चिकित्सकों के मुताबिक डिटर्जेंट और रिफाइंड ऑयल से बने दूध व पनीर के सेवन से लोगों के किडनी, फेफड़े खराब होते हैं। इससे पीलिया, किडनी, लीवर में इंफेक्शन समेत अन्य प्रकार की समस्याएं होती हैं। लगातार लंबे समय तक ऐसे दूध या पनीर के सेवन से संबंधित व्यक्ति की किडनी, लीवर समेत अन्य अंग पूरी तरह से काम करना बंद कर देते हैं।
टीम ने मौके पर नष्ट कराया था दूध और पनीर
21 मार्च को खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने खुर्जा क्षेत्र के अरनिया में कार्रवाई करते हुए डेयरी पर नकली दूध, खोया और पनीर बनाते हुए पकड़ा था। टीम ने दोनों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे थे। टीम ने मौके पर तीन क्विंटल पनीर, दो क्विंटल मावा और 60 किलो नकली दूध को मौके पर ही नष्ट कराया था।
खुर्जा क्षेत्र से लिए गए दूध और पनीर के सैंपल की जांच में डिटर्जेंट और रिफाइंड मिलाने की पुष्टि हुई है। नमकीन और कचरी में खतरनाक रंग भी पाए गए हैं। सभी व्यापारियों के खिलाफ एडीएम न्यायालय में वाद दायर करने की तैयारी की जा रही है। – विनीत कुमार, अभिहीत अधिकारी, खाद्य एवं सुरक्षा विभाग