राजस्थान में 20 प्रतिशत दूध के नमूने फैल, यूरिया और केमिकल की मिलावट पाई गई

आपको जानकर ये हैरानी होगी कि उत्तर प्रदेश में FSSAI ने तीन साल में दूध के जितने सैंपल चेक किए हैं, उसमें से आधे से ज्यादा दूध सैंपल में मिलावट मिली है। कई केमिकल के इस्तेमाल से ये दूध मिलाया जा रहा है

नई दिल्ली। वैसे तो मिलावटी दूध की कहानी नई नहीं है. लेकिन, पहले दूध में सिर्फ पानी की मिलावट की बात होती थी, फिर कई सालों से जांच में पता चल रहा है कि दूध में यूरिया मिलाया जाता है। लेकिन, अब तो सिर्फ कैमिकल से ही दूध बनाया जा रहा है। दूध और इससे बनने वाले प्रोडक्ट में मिलावट अब इतनी आम हो गई है कि जांच में आधे से ज्यादा सैंपल रिजेक्ट हो रहे हैं यानी अधिकतर दूध सैंपल में मिलावट मिली है। त्यौहारी सीजन से पहले राज्यसभा में FSSAI की एक रिपोर्ट पेश की गई है, जिसमें पता चला है कि दूध में मिलावट का धंधा कितने बड़े स्तर पर हो रहा है।

ऐसे में आज हम आपको बता रहे हैं कि सरकारी डेटा के हिसाब से कितने डेयरी प्रोडक्ट्स के सैंपल में मिलावट मिली है. साथ ही जानते हैं कि अब नकली दूध बनाने में किस तरह के कैमिकल का इस्तेमाल किया जा रहा है।

दरअसल, राज्यसभा में फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) की ओर से तीन सालों में लिए गए डेयरी प्रोडक्ट के सैंपलों से जुड़ा डेटा पेश किया गया है. इसमें सामने आया है कि दूध में मिलावट में सबसे अधिक मामले उत्तर प्रदेश में पकड़े गए. इसके बाद राजस्थान, तमिलनाडु और केरल का नाम है. दूध के साथ पनीर, दही, मिठाई, बिस्किट में मिलावट के मामले सामने आए हैं।

उत्तर प्रदेश में साल 2023-24 में दूध और दूध से बने प्रोडक्ट में 27,750 सैंपल में से 16,183 सैंपल फेल हो गए हैं. वहीं, राजस्थान में 18264 में से 3564, तमिलनाडु में 18146 में से 2237 और केरल में 10792 में से 1297 सैंपल फेल पाए गए. उत्तर प्रदेश में मिलावटी दूध बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई है और उत्तरप्रदेश में मिलावटखोरी के 1928 केस दर्ज किए हैं. इसके बाद तमिलनाडु में 944, केरल में 737, महाराष्ट्र में 191, बिहार में 174 मामले दर्ज किए गए हैं।

किन-किन चीजों की हो रही मिलावट

रिपोर्ट्स के अनुसार, दूध में शरीर के लिए बेहद खतरनाक कैमिकल मिलाए जाने की खबरें आ रही हैं। दरअसल, इन कैमिकल के जरिए नकली दूध बनाया जा रहा है। कैमिकल वाले दूध में यूरिया और डिटर्जेंट के साथ कई कैमिकल भी मिलाए जा रहे हैं। बताया जाता है कि दूध में यूरिया के अलावा कास्टिक सोडा, माल्ट्रोडेक्सट्रिन आदि भी मिलाया जाता है। इसके साथ ही दूध में पाए जाने वाले फैट को बढ़ाने के लिए अब हाइड्रोजन पैराक्साइड, फार्मालिन मिलाया जाता है।

इसके साथ ही अमोनिया व यूरिया के कारण खराब हुए स्वाद को ठीक करने के लिए अब स्टार्च मिलाया जाता है। इससे मिलावटी दूध में टेस्ट का भी पता नहीं चलता है। खास बात ये है कि बिना मशीनों और लैब टेस्ट के मिलावटी दूध की पहचान करना भी काफी मुश्किल हो गया है।

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