खाद्य सुरक्षा दल ने विशाल मेगा मार्ट की खोली पोल, पाम ऑयल को भारी दामों पर बेचा जा रहा था

प्रीत लाइट गोल्ड ऑयल को 0 प्रतिशत कोलेस्ट्रॉल बताकर भारी दामों में बेचा जा रहा था, प्योर ब्रस्ट घी का लिया नमूना

अजमेर। प्रदेश के चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर के निर्देशों के अनुसार पूरे प्रदेश में शुद्ध आहार मिलावट पर वार अभियान चलाया जा रहा है।

आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवम् ड्रग कंट्रोल इकबाल खान एवम् अतिरिक्त आयुक्त पंकज ओझा के निर्देशानुसार अजमेर खाद्य सुरक्षा दल ने जयपुर रोड स्थित मैसर्स विशाल मेगा मार्ट पर कार्यवाही की है। अभिहित अधिकारी एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ ज्योत्सना रंगा ने बताया कि टीम ने विशाल मेगा मार्ट पर निरीक्षण के दौरान पाया कि पॉम ऑयल को स्वास्थ्य के लिए लाभदायक बताकर रुपए चार सौ उन्नीस प्रतिलीटर बेचा जा रहा था।

प्रीतलाइट गोल्ड ब्रांड के नाम से बेचे जा रहे डिब्बे उसी शेल्फ में रखे थे जिसमें नामी ब्रांड के घी के डिब्बे रखे थे। टीम ने बोगस ग्राहक बनकर प्रीतलाइट का एक लीटर का पैकेट खरीदा जिस पर एम आर पी रुपए पांच सौ दस अंकित थी जिसे डिस्काउंट के बाद रुपए चार सौ उन्नीस में दिया। बिल पर प्रीतलाइट गोल्ड अंकित था।

स्टोर के मैनेजर देवीदत्त से बिल में घी या तेल नहीं लिखने का पूछने पर कोई जवाब नहीं दिया। जबकि नियमानुसार प्रिंसिपल डिस्प्ले और बिल में बेचे गए खाद्य का नाम अंकित होना अनिवार्य होता है।

डिब्बे पर छोटे अक्षरों में पॉम ऑयल 80% और कोकोनट ऑयल 20% का मिश्रण दिया हुआ था।

इस प्रकार प्रतिष्ठित फर्म द्वारा स्वास्थ्य के लिए लाभदायक 0% कोलेस्ट्रॉल के नाम पर 100 रुपए लीटर का पॉम ऑयल डिस्काउंट के बाद 419 रूपये लीटर बेचा जा रहा था। टीम द्वारा इस तथाकथित तेल के नमूने लेकर शेष बचे 8 डिब्बों को सीज किया गया।

डॉक्टर रंगा ने बताया कि स्टोर में रखे काजू की क्वालिटी में भी संदेह होने पर काजू का नमूना लेकर शेष 25 पैकेट सीज किए गए। प्योर ब्रस्ट ब्रांड घी का भी नमूना लिया गया।

टीम में खाद्य सुरक्षा अधिकारी सुशील चोटवानी, अजय मोयल, केसरीनंदन शर्मा एवं सहायक राजकुमार इंदौरिया शामिल रहे।

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