जयपुर। RBI के मुताबिक- गोल्ड लोन के डिफॉल्टर के मामले 30% बढ़ गए हैं. इसका मतलब देश में लोग गहने गिरवी रखकर कर्ज ले रहे हैं और वो कर्ज चुका नहीं पा रहे। ये कर्ज घर चलाने, बच्चों की फीस और छोटी-मोटी जरूरतों के लिए लेना पड़ रह है। क्योंकि लोगों के पास कमाई का जरिया नहीं है।
धीरे धीरे घरों में रखा हुआ मूल्यवान सोना और गहने निकलकर गिरवी रखने वाली कंपनियों के पास पहुँचता जा रहा है और इस गोल्ड लोन को नहीं चुकाने वालों में 30% की भारी बढ़ोतरी हुई है। लगभग सात हजार करोड़ का सोना वापस लेने में लोग असमर्थ हैं क्योंकि भारी ब्याज के बाद अब चुकाने के लिए पैसा ही नहीं है।
सोशल मीडिया पर भले ही भाजपाई नेता फर्जी बहादुरी और कूटनीति दिखाते रहें। परन्तु अकेले में बात करते समय स्वीकार करते हैं कि वास्तव में अब तेज महंगाई और कम होती कमाई से किसी प्रकार की बचत करना कठिन होता जा रहा है।
पिछले पांच वर्षों में हमने अक्सर ख़बरों में हार्ट अटैक से अचानक गिरकर मरते हुए लोगों को देखा, पढ़ा है। आपने कभी ध्यान दिया कि इस प्रकार से मरने वालों में अधिकाँश पुरुष हैं। महिलाऐं कम हैं क्योंकि आज की तारीख में पुरुषों पर सबसे अधिक तनाव और दबाव है पैसा कमाने तथा नौकरी-रोजगार में स्थिरता का और यह तनाव इस कारण चार गुना हो जाता है ऐसे में तनाव से ग्रस्त प्रतिदिन चालीस वर्ष के अन्दर वाले युवक, सुसाईड एवं अचानक मौतों के शिकार हो रहे हैं। कहने का मतलब यह कि भले ही लोगों की आर्थिक हालत बेहद खराब हों। लेकिन सोशल मीडिया पर आपको सब कुछ हराभरा, चकाचक और धन-संपत्ति से भरपूर ही दिखाई देगा।