जहां पिछले 6 महीनों से पानी की कटौती की मार झेल रहा है शहर, फिर मेंटनेंस के नाम पर की गई कटौती के समय क्या किया
जोधपुर। जहां शहरवासी बूंद बूंद के लिए तरस रहे है वहीं दूसरी और कायलाना-तखतसागर के पास फिल्टर प्लांट के पास पाइप लाइन क्षतिग्रस्त होने का आज पांचवां दिन है फिर भी विभाग के कर्मचारियों को स्थाई सफलता नहीं मिल पाई है। जोधपुर इतना बड़ा शहर है इतने बड़े फिल्टर प्लांट है, सैकड़ों कर्मचारी और अधिकारी है फिर भी 5 दिन बाद भी जलदाय विभाग बहते पानी को रोकने में अभी भी पूर्णतया असफल दिखाई दे रहा है और दूसरी और जनता पानी की किल्लत से जूझ रही है, जलदाय विभाग के नकारापन के कारण इसका खामियाजा आने वाले दिनों में आम जनता को भुगतना पड़ेगा।
6 महीने से पानी की कटौती, नतीजा शून्य
लगभग पिछले 6 माह से जोधपुर जलदाय विभाग पानी के भंडारण, जोधपुर शहर के फिल्टर प्लांट, पंप हाऊस एवं पाइप लाइन के रखरखाव एवं सफाई के नाम पर विभाग हर महीने 3 से 4 बार पानी की कटौती कर रहा है और आम जनता को तकलीफ होते हुए भी वो सिर्फ इसलिए सहन कर रही है कि आगे गर्मियों में हमें परेशानी नहीं हो लेकिन पानी की कटौती के बावजूद भी नतीजा तो शून्य ही दिखाई दे रहा है। फिर इन कटौती का क्या फायदा, हर महीने कम से कम तीन दिन की गई कटौती के दौरान क्या मेंटेनेंस किया गया इसका जवाब अधिकारी देने को तैयार नहीं है, क्या अधिकारी कटौती के नाम पर जनता के साथ धोखा कर रहे है, जब हर महीने 3 दिन कटौती की जा रही थी और रखरखाव किए जा रहे तो ऐसा कौन सा लीकेज हो रहा है जो आज पांचवे दिन भी स्थाई रूप से सही नहीं हो पाया है। वहीं बताया जा रहा है कि जहां पर लीकेज की समस्या आ रही है वहां पर 50 वर्षों में कोई काम नहीं किया गया है तो मेंटेनेंस के नाम पर की जा रही कटौती के दौरान क्या किया गया इसका जवाब जनता जानना चाहती है लेकिन अधिकारी जवाब देने को तैयार नहीं है। साथ ही सवाल ये उठता है कि जब एक लीकेज के लिए मुंबई से कर्मचारी बुलाने पड़ रहे है तो यहां के कर्मचारी क्या करते है। इतने बड़े शहर में ऐसे तकनीकी कर्मचारी भी नहीं है जो इस तरह का लीकेज रोक सके।
जनप्रतिनिधि ध्यान दे, किसानों को हुए नुकसान का क्या होगा
इस लीकेज से पानी की तो बर्बादी हुई ही है किसानों की आसपास क्षेत्र में बोई गई फसले भी बर्बाद हो गई। किसानों का कहना है कि बैंक और रिश्तेदारों से कर्जा लेकर फसले बोई थी वह सब नष्ट हो गई हमारी सुध किसी जनप्रतिनिधि या अधिकारी ने नहीं ली किसानों को लाखों रुपए का नुकसान हो गया और किसानो का कहना है कि फसले खराब होने से लिया हुआ कर्ज कैसे चुकाएंगे जबकि हमारी कोई गलती नहीं है जलदाय विभाग की लापरवाही और नाकामयाबी के कारण किसान बर्बाद हो गए हैं किसानों ने प्रशासन एवं विधायकों से मांग की है कि हमें इसका मुआवजा मिलना चाहिए।
जिम्मेदार जवाब देने को तैयार नहीं
जब हमने इस बारे में चारु जोशी ,अधिशासी अभियंता जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, नगर खंड तृतीया जोधपुर और राधा रानी गहलोत सहायक अभियंता जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग नगर उपखंड चौपासनी फिल्टर हाउस से बात करनी चाही तो दोनों ने ही फोन रिसीव नहीं किया, शायद ये किसी को जवाब देने के मूड में नहीं है लेकिन जनता और सरकार को आने वाले दिनों में जवाब देना होगा।