युवा कलाकार नदीम अंदाज अपने पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए देश विदेश में धूम मचा रहे है
जोधपुर। कव्वाली का शब्द सुनते ही आपके दिमाग में सूफियाना संगीत और उसमें पढ़े जाने वाले कलाम और शेरो शायरी का ख्याल दिल में आता है। कव्वाली रूह को शुकून देती है और जब कव्वाली पेश करने वाला कोई अच्छा कलाकार हो तो उसकी बात ही अलग है। ऐसा ही एक नाम जो पूरे देश में अपने अलग नाम और जोशीली कव्वाली के रूप में जाने पहचाने वाले कलाकार है कव्वाल शौकत अंदाज, अब उन्हीं के पदचिह्नों पर चलते हुए उनके पुत्र ने भी अपनी एक अलग पहचान बनाई है। जो अपने खास अंदाज और सूफी गायन के लिए जाने जाते हैं।
हर धर्म के लोग सुनते है कव्वाली
नदीम अंदाज ने बताया कि कव्वाली इस देश की खूबसूरती और पहचान है। जब मैं छोटा था तो पिताजी के साथ कई कार्यक्रमों में जाता था उनको पूरे देश में मान सम्मान मिलता देख मुझे भी कव्वाली के क्षेत्र में कुछ नया करने का संकल्प मिला। इसलिए मैंने भी कव्वाली के क्षेत्र में अपना करियर बनाने हेतु कव्वाली गायन का कार्य शुरू किया और धीरे-धीरे आप सभी के प्यार और दुआओं में इतना बड़ा बना दिया कि मुझे खुशी है कि अपने पिताजी की तरह मैं भी देश और विदेश में नाम कमाऊं और हमारे जोधपुर शहर और राजस्थान का नाम रोशन करु।
नदीम अंदाज की प्रस्तुति से लोग झूम उठते हैं
जोधपुर में जन्मे नदीम अंदाज को आज अलग पहचान मिली है चाहे किसी भी धर्म या अन्य समुदाय से क्यों ना हो किसी दरगाह उर्स, सांस्कृतिक कार्यक्रम, सूफी फेस्टिवल, हिंदू मुस्लिम एकता से जुड़े राष्ट्र एकता एवं सद्भावना के कार्यक्रम में बैठे श्रोता जब नदीम अंदाज की कव्वाली और गजले सुनते हैं तो लोग झूम उठते हैं। कई शहरों व महानगरों के अलावा उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, मुंबई,अहमदाबाद, महाराष्ट्र जैसे राज्य एवं शहरों में प्रस्तुति दे चुके नदीम अंदाज का किरदार सबसे अलग है।
कई बड़े कार्यक्रमों में की है शिरकत, देते है विशेष प्रस्तुति
पुराने समय के हाजी गुलाम फरीद साबरी, नुसरत फतेह अली खान, असलम साबरी जाने माने कव्वाल है लेकिन इस बदलते दौर में जिस तरह हर चीज में बदलाव हुआ है इसी तरह कव्वाली गायन एवं संगीत में भी बदलाव दिखाई दिया है। नदीम अंदाज आज के इस आधुनिक युग के अनुसार ही अपनी प्रस्तुति देते हैं। गजल प्रस्तुति में शेरो शायरी एवं हंसी मजाक के भी व्यंग्य होते हैं जिससे समां बंधा रहता है। जिसे आजकल हर कोई पसंद करता है विभिन्न प्रकार की कव्वाली एवं गजलें पेश की जाती है। नदीम अंदाज पर जोधपुर की जनता गर्व करती है और चाहती है इतनी कम उम्र में नदीम ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है।