पिछले दिनों कई जगह पर सरस का नकली घी बेचना पाया गया था। खाद्य सुरक्षा अतिरिक्त आयुक्त पंकज ओझा ने की थी ताबड़तोड़ कार्यवाही उन्ही की बदौलत इस पूरे रैकेट भंडाफोड़ हुआ है।
जयपुर। पिछले दिनों खाद्य अतिरिक्त सुरक्षा आयुक्त पंकज ओझा के नेतृत्व में डी मार्ट पर छापेमार्ट कार्यवाही की थी एवं जांच करने पर पाया गया था कि डी-मार्ट पर सरस घी के नकली पैकेट बेचे जा रहे थे डी मार्ट में सरस की सप्लाई करने वाली फर्म खंडेलवाल एंड कंपनी जो कि कुकर खेडा मंडी सीकर रोड पर स्थित है वहीं से माल सप्लाई होना पाया गया था इसी के तहत अब कुकर खेडा मंडी सीकर रोड स्थित खंडेलवाल एंड कंपनी पर मुरलीपुरा थाने में मुकदमा दर्ज करवाया गया है साथ ही एक मुकदमा डी मार्ट के विरुद्ध झोटवाड़ा थाने में भी दर्ज करवाया गया है।
सरस डेयरी के अधिकारियों द्वारा दोनों ही जगह पर नकली घी बेचने एवं सरस का नाम खराब करने के आरोप में मुकदमा दर्ज करवाया गया है। जिसमें खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से खाद्य सुरक्षा अधिकारी रतन गोदारा, नरेश तिजारा और देवेंद्र राणावत भी साथ उपस्थित रहे।
खाद्य सुरक्षा अतिरिक्त आयुक्त पंकज ओझा ने किया पूरे मामले का भंडाफोड़
खाद्य सुरक्षा अतिरिक्त आयुक्त पंकज ओझा ने जबसे कार्यभार संभाला है तभी से ही मिलावट को लेकर नए नए खुलासे उनके द्वारा किए जा रहे है। और इस तरह मामला पहली बार सामने आया है कि बड़े ब्रांड के माल में मिलावटी घी बेचा जा रहा था आम तौर पर इन बड़े ब्रांड पर मिलावट होने का कोई सोचता भी नहीं है और लोग आंख बंद करके यहां से खरीददारी भी करते है लेकिन यहां पर भी मिलावट माफिया हावी हो चुका है और सरस जो कि नामचीन ब्रांड है उसी का नकली घी यहां पर बरामद होने से लोग आश्चर्य चकित हों गए थे इस पूरे मामले की जांच और परत दर परत खुलासा करने के पीछे पंकज ओझा की दूरदर्शी सोच के कारण ये सब हो पाया है। पंकज ओझा की इस कार्यवाही से आम जनता को बड़ी राहत मिली है और लोगो में खाद्य सुरक्षा विभाग के प्रति विश्वास जगा है।
सरस की और से कहा गया कि हमारी छवि हुई है खराब
मुरलीपुरा थाने मैं पुलिस को दी एफआईआर में बताया गया कि दिनांक 20 जून को रात 8 बजे फोन पर जयपुर डेयरी के प्रबंध संचालक मनीष फौजदार द्वारा सूचना के अनुसार बताया गया की अतिरिक्त खाद्य आयुक्त पंकज ओझा के नेतृत्व में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जयपुर प्रथम की खाद्य विभाग की टीम द्वारा खंडेलवाल एंड कंपनी अनुपम विहार बायपास रोड, कुकर खेडा पर कार्यवाही की जा रही है जिसमें सरस घी के पेकेटो के असली नकली पैक होने के प्रमाणीकरण के लिए हिमांशु कुमार बेरवा सहायक प्रबंधक गुण नियंत्रण टीम सहित पहुंचे खंडेलवाल एंड कंपनी के प्रतिनिधि ने घी सरस को विभिन्न फर्मों से करना बताया गया था। इसी को लेकर अनुज ट्रेडिंग कंपनी कुकर खेडा मंडी, ओम जय ट्रेडिंग कंपनी न्यू लोहा मंडी रोड के बिलों की प्रतियां दिखाई गई खंडेलवाल एंड कंपनी पर सरस घी 1 लीटर के 33 पैक कार्टून एवं आधा लीटर के 23 पैक कार्टून रखे थे। सभी की असली नकली होने की छानबीन प्रक्रिया में काफी समय लगने की संभावना को देखते हुए उच्च अधिकारियों के निर्देश पर गोदाम को सील कर टीम अनुज ट्रेडिंग कंपनी कुकर खेडा पहुंची थी जो कि बंद पाई गई थी इसलिए डेयरी एवं खाद्य सुरक्षा के दल ने दिनांक 21 जून को खंडेलवाल एंड कंपनी पर पहुंचकर सीज दुकान को खोलकर सभी पैकेटो की जांच की जिसमें एक लीटर सरस घी के दो पैकेट जयपुर डेयरी द्वारा उत्पादित न होकर नकली होना पाया गया टीम द्वारा नकली घी के नमूना लेने के बाद नकली घी सरस के दोनों पैकेटों को जब्त कर जब्ती तैयार कर दोनों पैकेटों को सील कर दिया गया था। आरोप है कि उक्त घी कॉपीराइट एक्ट के तहत उल्लंघन में आता है जिसमें जयपुर जिला दुग्ध संघ लिमिटेड की छवि खराब हुई है खंडेलवाल एंड कंपनी नकली घी बेचकर आम जन से धोखाधड़ी कर स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है जयपुर डेरी के अधिकृत पत्र की अनुपालना में पुलिस थाना जयपुर में खंडेलवाल एंड कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने हेतु संजय शर्मा एवं हिमांशु कुमार बेरवा को अधिकृत किया है और इसी क्रम में हिमांशु कुमार को एफआईआर दर्ज करवाने अधिकृत किया गया है।
वही झोटवाड़ा थाने में दी गई एफआईआर के अनुसार दिनांक 22 जून को खाद्य सुरक्षा विभाग के अतिरिक्त आयुक्त पंकज ओझा की की ओर से सूचना मिलने पर मेसर्स एवेन्यू सुपर मार्ट (डी मार्ट ) ट्राइटन मॉल चोमू पुलिया पर हिमांशु कुमार बेरवा उच्च अधिकारी के निर्देश पर वहां पहुंचे वहां डी मार्ट के स्टोर में सरस घी 1 लीटर के 228 शील्ड पैकेट एवं आधा लीटर के 33 शील्ड पैकेट पाए गए जिनमें नकली या असली होने के प्रमाणीकरण हेतु सभी डिब्बों की जांच की गई। जिसमें एक लीटर का एक सील पैक वह 1 लीटर खुल पाया गया। खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा मौके पर सरस घी का नमूना लिया गया एवं उक्त दोनों एक-एक लीटर के डिब्बों को भी सील कर जब्ती तैयार कर जब्त किया गया।
दोनो ही एफआईआर में भारतीय दंड संहिता की अधिनियम 1860 की धारा 272, 273 एवं कॉपीराइट अधिनियम एक्ट 1957 के तहत धारा 63 और 69 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है