जयपुर। नगरीय विकास राज्य मंत्री श्री झाबरसिंह खर्रा ने शुक्रवार को विधानसभा में कहा कि प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत 15 मार्च, 2024 से पहले के आवेदन जिनमें आचार संहिता के कारण डिमाण्ड नोट जारी नहीं हो पाए हैं, उन पर शीघ्र निर्णय कर रियायती दर पर पट्टे जारी करने की कार्यवाही की जाएगी।
नगरीय विकास राज्य मंत्री मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि रियायती दरों पर भूमि आवंटन का निर्णय मंत्रिमण्डलीय एम्पावर्ड समिति द्वारा किया गया था। राज्य सरकार द्वारा समिति के निर्णयों की समीक्षा कर गलत आवंटनों को निरस्त किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि पट्टे जारी करने में अनियमितताओं के कारण प्रशासन शहरों के संग अभियान आगे नहीं बढ़ाया गया। उन्होंने कहा कि पट्टे जारी करने में हुई अनियमितताओं की जांच उपरांत 260 पट्टों को निरस्त किया जा चुका है तथा 25 एफआईआर दर्ज की गई हैं।
उन्होंने सदन में जानकारी दी कि जांच में दर्जनों शहरी निकायों से पत्र जावक रजिस्टर और संबंधित पत्रावलियां गायब होना भी पाया गया है। राज्य सरकार द्वारा इसकी जांच की जा रही है।
इससे पहले विधायक श्री रोहित बोहरा के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में नगरीय विकास राज्य मंत्री ने बताया कि प्रशासन शहरों के संग अभियान की तरह भूमि नियमन के प्रयोजनार्थ कोई अभियान चलाने संबंधी कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
उन्होंने बताया कि प्रशासन शहरों के संग अभियान दिनांक 02 अक्टूबर, 2021 से 31 मार्च, 2024 तक नगरीय विकास विभाग द्वारा कुल 640060 पट्टे जारी किये गये तथा 5219.82 करोड़ रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ एवं स्वायत्त शासन विभाग द्वारा 667430 पट्टे जारी किये गये तथा 1192 करोड रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ।
नगरीय विकास राज्य मंत्री ने बताया कि प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत नगरीय विकास विभाग एवं स्वायत्त शासन विभाग द्वारा किसी भी समाजों/संस्थाओं को रियायती दर पर भूमि का आवंटन नहीं किया गया है।
श्री खर्रा ने बताया कि इस अभियान के तहत 15 मार्च, 2024 से पूर्व प्राप्त ऐसे प्रकरण जिनमें डिमाण्ड नोट जारी होकर 31 मार्च से पहले छूट की दर से सम्पूर्ण राशि जमा है, में पट्टे रियायती दर पर जारी किये जाने के निर्देश जारी किए गए है। अन्य लम्बित प्रकरणों का निस्तारण वर्तमान में प्रचलित नियमों/आदेशों/परिपत्रों के अनुसार किया जायेगा। उन्होंने कहा कि इस संबंध में 15 मार्च, 2024 एवं 12 जुलाई, 2024 को आदेश जारी किये गये है, जिसकी प्रति उन्होंने सदन के पटल पर रखी।