अब बेबी फुड पर भी मिलावट की मार, जांच में 5 प्रतिशत सैंपल फैल

अगर आप भी अपने बच्चों को बेबी फूड देते हैं अलर्ट हो जाएं। 5 फीसदी बेबी फूट के सैंपल अनसेफ पाए गए हैं। संसद में एक सवाल के जवाब में इस बात का खुलासा हुआ है। बेबू फूड में मिलावट पर डॉक्टरों ने चिंता जताई है। साथ ही पैरेंट्स को अलर्ट किया है।

नई दिल्ली। अब बच्चों के खाने में भी मिलावट पाई जाने लगी है। बेबी फूड के 5 पर्सेंट सैंपल अनसेफ पाए गए हैं। इसका खुलासा संसद में एक सवाल के जवाब में हुआ है। डॉक्टरों का कहना है नवजात बच्चे के फूड में मिलावट चिंता की बात है। अगर इस तरह का मिलावटी फूड बच्चे को दिया जाता है तो उसे तुरंत डायरिया से लेकर उल्टी हो सकती है। पैरंट्स को अलर्ट रहना चाहिए।

बेबी फूड को लेकर चौंकाने वाली खबर

दरअसल, राज्यों के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के जरिए सैंपल उठाए जाते हैं और इसकी जांच फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) अपनी लैब में करते हैं। इसी के तहत, इस साल 22 अप्रैल से 31 मई के बीच 111 सैंपल लिए गए। इसमें से 99 सैंपल की रिपोर्ट आई। इसमें से 5 सैंपल अनसेफ पाए गए।

डॉक्टर्स का कहना है

पीडियाट्रिक्स डॉक्टर विकास तनेजा ने कहा कि सबसे जरूरी बात यह है कि नवजात बच्चे जो छह महीने तक हैं, उन्हें केवल ब्रेस्ट फीड देना चाहिए और छह महीने के बाद भी अगर फूड देते हैं तो सेमी लिक्विड फूड दें, जो घर का बना हो। बाहर का दूध या अन्य फूड प्रोडक्ट बेबी के लिए अच्छे नहीं होते। मिलावटी फूड का रिएक्शन इस बात पर निर्भर करता है कि उसमें किस प्रकार का केमिकल मिलाया गया है, उसका क्या असर होता है।

बच्चों के फूड में मिलावट गंभीर चिंता का विषय

पीडियाट्रिक्स डॉक्टर विकास तनेजा ने कहा, ‘अमूमन बच्चों में मिलावटी फूड से तुरंत असर होता है। वह बीमार हो जाएगा। उसे डायरिया या टायफाइड तक हो सकता है। इसलिए बच्चों के फूड के साथ मिलावट करना बड़ी चिंता की बात है।’ इस सवाल के जवाब में बताया गया है कि एफएसएसआई अपने क्षेत्रीय ऑफिस और राज्यों के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के साथ मिलकर रेगुलर सर्विलांस, मॉनिटरिंग, इंस्पेक्शन और सैंपलिंग करते हैं। जिन मामले में सैंपल फेल हो जाते हैं, तो एएसएस एक्ट के तहत एक्शन लिया जाता है।

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