जोधपुर के दो निकम्मे फुड इंस्पेक्टरों के कारण जोधपुर की जनता खा रही हैं मिलावटी खाद्य सामग्री

गुपचुप तरीके से सेंपलिंग करके कर रहे है खानापूर्ति, रेवत सिंह और सुरेश माली से सेंपलिंग की जानकारी मांगने पर नहीं देते कोई जवाब, शायद मिलावटियो को दे रहे है शह 

जोधपुर। शहर एवं ग्रामीण क्षेत्र में खाद्य पदार्थों की जांच के लिए जोधपुर में 4 खाद्य निरीक्षक तैनात है जिला बहुत बड़ा है फिर भी उस अनुपात में सैंपलिंग नहीं की जा रही है रजनीश शर्मा और विजय कंवर तो सैंपलिंग कर रहे है और इनके द्वारा प्रेस नोट भी मीडिया को दिया जा रहा है लेकिन खाद्य निरीक्षक रेवत सिंह और सुरेश माली क्या कर रहे है, कहां जा रहे है,कहां सैंपल ले रहे है किसी को जानकारी नहीं देते है कोई कहने वाला नहीं है बे लगाम खाद्य निरीक्षक रेवत सिंह और सुरेश माली मनमर्जी से चाहे जहां चले जाते है और अपनी सहूलियत के अनुसार सैंपल लेते है और चाहे तो नहीं लेते है। इसके पीछे क्या कारण है आप सब समझ सकते है। इन दोनों खाद्य निरीक्षकों की मनमानी के चलते मिलावट करने वालो को बढ़ावा मिल रहा है इनके लापरवाह रवैये के कारण जनता के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंच रहा है।

विभाग के आदेशों को भी नहीं मानते ये दोनो खाद्य निरीक्षक 

हमने पिछले कई माह से खाद्य निरीक्षक रेवत सिंह और सुरेश माली से सेंपलिंग की कार्यवाही की जानकारी मांग रहे है लेकिन ये दोनों गैरजिम्मेदार अधिकारी किसी भी तरह की जानकारी मीडिया में नहीं देते है गुपचुप तरीके से सैंपल लेकर विभाग को सैंपलिंग बता देते है और मिलावट करने वालो को छोड़ देते है जबकि दीपावली और त्योहारों को देखते हुए राज्य के खाद्य सुरक्षा आयुक्त इकबाल खान ने एक लिखित आदेश जारी किया है जिसमें स्पष्ट तौर पर निर्देश दिए गए है कि जो भी सैम्पलिंग की कार्यवाही की जाए उसको मीडिया में देना अनिवार्य किया गया है। इस आदेश के बावजूद दोनों खाद्य निरीक्षक अपने पुराने रवैये पर कायम है और खाद्य सुरक्षा आयुक्त इकबाल खान के आदेशों को भी नहीं मानते है इसके पीछे शायद यही कारण है कि ये खाद्य निरीक्षक अपने चहेतो को छोड़ देते है और शायद इनकी वहां बंदी बंधी हुई है जिससे पैसा लेकर मिलावट करने वालो की खबर बाहर ना आ सके।

जिला कलेक्टर साहब ध्यान दे, त्योहारों को देखते हुए नियुक्त करे मॉनिटरिंग अधिकारी

त्योहारों में मिठाई, मावा और अन्य खाद्य पदार्थों की बिक्री बढ़ जाती है जिससे मिलावट करने वाले सक्रिय हो जाते है इसलिए सरकार अतिरिक्त रूप से विभाग के ही अधिकारियों को चार्ज देती है 2022 में तत्कालीन जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता ने एक आदेश जारी कर डिप्टी सीएमएचओ प्रीतम सिंह को खाद्य सुरक्षा से जुड़े अभियान का प्रभारी बनाया था जिसके चलते उन्होंने जबरदस्त ताबड़तोड़ कार्यवाही की थी जिससे मिलावट करने वालो में खौफ पैदा हो गया था। डिप्टी सीएमएचओ प्रीतम सिंह ने रात दिन काम किया जिससे आम जनता को शुद्ध खाद्य सामग्री उपलब्ध हो सके जिला कलेक्टर गौरव अग्रवाल अगर उन्हें वापस इस अभियान से जोड़ दे तो जनता को मिलावटी खाद्य सामग्री से राहत मिल सकेगी।

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