हरिपुरकलां। गांव के एक प्लांट में बड़ी मात्रा में नकली पनीर बनाते पकड़ा गया है। यहां पनीर बनाने में इस्तेमाल किया जा रहा 80 किलो अरारोट, 60 किलो एसिटिक एसिड और 20 लीटर पाम ऑयल जब्त किया गया है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की संयुक्त टीम ने पांच नमूने लेकर प्रयोगशाला में जांच के लिए भेज दिया।
अभिहित अधिकारी देहरादून पीसी जोशी ने बताया कि खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की संयुक्त टीम हरिपुरकलां पहुंची। टीम ने यहां एक पनीर बनाने वाले प्लांट पर कार्रवाई की। बताया कि पनीर बनाने के लिए उपयोग में लाई जा रही सभी जब्त सामग्री सेहत के लिए बेहद घातक और प्रतिबंधित है। टीम ने प्लांट के मालिक पंकज त्रिपाठी से पनीर बनाने से संबंधित जानकारी ली। प्लांट मालिक ने अपनी गलती स्वीकार की है। उसने बताया कि पनीर को बनाने के लिए वह इन सब चीजों का इस्तेमाल कर रहा था। टीम ने प्लांट से करीब तीन क्विंटल पनीर, पाम ऑयल और एसिटिक एसिड के सैंपल भरे। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई होगी। सैंपल लेने के बाद टीम ने एसिटिक एसिड, पाम ऑयल और अरारोट को मौके पर ही नष्ट कर दिया। छापेमारी के दौरान टीम में उपयुक्त खाद्य सुरक्षा गढ़वाल मंडल आरएस रावत, हरिद्वार के अभिहित अधिकारी एमएस जोशी, वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी रमेश सिंह, खाद्य सुरक्षा अधिकारी विपिन जैन, दिलीप जैन, बलवंत सिंह चौहान, विजिलेंस से संजय नेगी और योगेंद्र शामिल रहे।
नकली पनीर को खुद पहचाने
1. पनीर को अंगुलियों से मसलकर देखें, यदि पनीर टूट कर बिखर रहा है तो यह नकली हो सकता है। नकली पनीर बनाने के लिए प्रयुक्त पदार्थ (स्कीम्ड मिल्क पाउडर) ज्यादा दबाव सहन नहीं कर सकते हैं।
2. पनीर को उबाल का ठंडा करें और इसमें अरहर की दाल या सोयाबीन का पाउडर डालें। यदि पनीर काला पड़ता है तो यह नकली है।
3. शुद्ध पनीर बहुत मुलायम होता है जबकि मिलावटी पनीर टाइट होता है और खाते समय रबड़ की तरह खिंचता है