श्रीमूल घी खरीद कर आपके साथ हो रहा है धोखा, बताया जा रहा है गाय का घी, लेकिन अंदर है मिलावट
जोधपुर। पिछले महीने पुलिस की सजगता के कारण घटिया घी बाजार में आने से पहले ही उसे रोक दिया गया था और गुजरात से आ रही एक पिक अप को रोक संदेह के आधार पर थाने लाया गया था। खाद्य सुरक्षा अधिकारी रजनीश शर्मा और विजय कंवर ने मौके पर आकर गाड़ी में अलग अलग पैकिंग में भरा श्रीमूल घी को संदेह के आधार पर सीज किया था जिसका सैंपल लेकर जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया था। अब उसकी जांच रिपोर्ट आ चुकी है।
जांच में श्रीमूल घी पाया गया अमानक
11 जुलाई को सीज किए घी के सैंपल लिए गए थे और जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे गए थे। जोधपुर की जांच प्रयोगशाला में आई श्रीमूल घी की रिपोर्ट आपको चौंका देगी। जिस घी को गाय का घी, भैंस का घी बताकर बेचा जा रहा था उसमे घी जैसा कुछ निकला ही नही यानी जो घी आपको बेचा जा रहा है उसमे मिलावट पाई गई है और उसमे घी के गुण नही है सरकारी जांच रिपोर्ट के अनुसार घी मिलावट ही नहीं सब कुछ गड़बड़ झाला ही निकला और अमानक स्तर का पाया गया।
श्रीमूल घी से आपके स्वास्थ्य को कोई फायदा नही
जरा सोचिए आप घी किसलिए खरीद रहे है सिर्फ इसलिए कि घी खाने से आपकी हड्डियां मजबूत होगी, आपका शरीर मजबूत होगा, आपको बीमारियों से लड़ने के लिए ताकत मिलेगी लेकिन श्रीमूल घी खाने से आपके स्वास्थ्य पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है ये सिर्फ घी जैसी पैकिंग है और इसमें दिखने वाला घी तो घी है ही नही, वो सिर्फ घी जैसा दिखने वाला लिक्विड है सरकारी जांच के अनुसार इसको देशी घी नही माना गया है।
आप खुद आंकलन करे, देशी घी का भाव क्या है
जब गुजरात से आ रही गाड़ी को नाकेबंदी के दौरान रोका गया तो उसमे घी के अलग अलग कार्टून दिखाई दिए पुलिस ने जब इनके बिलों की मांग की तो बिल में श्रीमूल घी की कीमत 330 रूपये लिखी हुई थी। अब आप खुद सोच सकते है कि डीलर को 330 रुपए किलो से घी बेचा जा रहा है जिसमे गाड़ी भाड़ा, उसको बनाने का खर्च वगैरह भी शामिल है तो इतने रुपए के आजकल अच्छा तेल भी नही मिलता है तो 330 रुपए में घी कैसे हो सकता है।
जनता और व्यापारी सतर्क रहे, ऐसे घी को न खरीदे और ना बेचे
श्रीमूल घी की भेंस और गाय के घी की अलग अलग डिजाइन है और घी की पैकिंग को देखने पर ये अमूल घी जैसा दिखाई देता है दुकानदार इसको अमूल का दूसरा ब्रांड कहकर बेचते है ताकि जनता अमूल के नाम से खरीद सके लेकिन ये घी गुणवत्ता में घी जैसा है ही नही, इसलिए दुकानदार और व्यापारी ऐसे घी को बेचने से बचे और आम जनता भी ऐसे घी को खरीदने से बचे ताकि आपकी गाढ़ी मेहनत की कमाई फालतू ना जाए।
श्रीमूल घी के अमानक पाए जाने के बाद होगी कार्यवाही
11 जुलाई को लगभग 2600 लीटर घी को सीज किया गया था और सैंपल लिए गए थे जांच रिपोर्ट में श्रीमूल घी अमानक पाया गया है इसलिए इस सीज माल को छोड़ा नही जायेगा और नियमानुसार नष्ट किया जाएगा साथ ही कोर्ट में वाद दायर किया जाएगा निर्णय के अनुसार जुर्माने और जेल की कार्यवाही की जा जायेगी।
सुमेरपुर में भी सीज श्रीमूल की रिपोर्ट आना बाकि
17 जुलाई को पाली के सुमेरपुर कस्बे में भी मेसर्स कन्हैया ट्रेडर्स पर विभाग द्वारा कार्यवाही कर 1630 लीटर श्रीमूल घी को सीज किया गया था। जिसकी जांच रिपोर्ट आना बाकि है जांच रिपोर्ट आते ही जनहित में हमारे द्वारा खबर को प्रकाशित किया जाएगा।