मिलावट करने वालो में कानून का डर नही, पकड़े जाने के बावजूद जारी रहती है मिलावट
जयपुर। 1. स्वास्थ्य विभाग ने देवीपुरा रोड डिस्पेंसरी नं.2 के पास संचालित जगदंबा पनीर एंड मावा भंडार से 2021 में सैंपल लिया था, जो जांच में फेल मिला। विभाग ने कार्रवाई की। एडीएम कोर्ट ने जुर्माना लगाया। 2022 व 2023 में भी यहां से लिए गए सैंपल फेल मिले। 2. स्वास्थ्य विभाग ने 2023 में श्रीमाधोपुर कस्बे के गोविंद मिष्ठान भंडार से मिठाइयों के सैंपल लिए। जांच में मावे की मिठाई में मिलावट की पुष्टि हुई। विभाग ने शिकायत मिलने पर इस साल सैंपल लेकर फिर जांच कराई। जांच में सैंपल सब स्टैंडर्ड मिला है।
एडीएम कोर्ट में परिवाद पेश किया है। 3. विभाग की टीम ने दांता कस्बे के जोधपुर मिष्ठान भंडार और बालाजी मावा भंडार से 2023 में सैंपल लिए थे। जांच में दोनों जगह के सैंपल फेल मिले। विभाग ने इस साल दोनों जगहों से फिर सैंपल लिए, जो जांच में फेल हो गए। पिछले महीने राज्यसभा में पेश की गई फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) की रिपोर्ट के अनुसार दूध और इसके उत्पादों में मिलावट इतनी सामान्य बात हो गई है कि 50% से ज्यादा नमूने जांच में फेल हो रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार दूध में मिलावट के मामले में उत्तर प्रदेश पहले नंबर पर है। यहीं सबसे ज्यादा नमूने फेल हुए।
दूसरे नंबर पर राजस्थान व तीसरे पर तमिलनाडु है। दूध के अलावा दही, पनीर, मिठाई और बिस्किट में मिलावट की बात सामने आई है। मिलावटखोरी के हजारों केस दर्ज : उत्तर प्रदेश में वर्ष 2023-24 में दूध व इसके उत्पादों में 27,750 सैंपल में से 16,183 फेल पाए गए। वहीं, राजस्थान में 18264 में से 3564 नमूने फेल मिले। मिलावट के प्रमुख उदाहरण { हल्दी पाउडर में मिट्टी और मेटानिल येलो नाम के केमिकल की मिलावट कर रहे हैं। { मिर्च पाउडर में ईंट का चूरा मिलाया हुआ मिला है। { दूध के पाउडर से मावा तैयार कर बेचा। ज्यादा चिकनाहट के लिए रिफाइंड ऑयल मिलाया। { दूध में डिटरजेंट और स्टार्च की मिलावट करने की पुष्टि हुई है। सब स्टैंडर्ड, मिस ब्रांड और अनसेफ सैंपल वाले व्यापारियों के लिए एडीएम कोर्ट में परिवाद पेश किए हैं। सीजेएम कोर्ट में प्रकरण विचाराधीन हैं।सीकर खाद्य पदार्थों में मिलावट को रोकना चुनौती बन चुकी है। मिलावटखोर धड़ल्ले से नकली या मिलावटी खाद्य सामग्री बेच रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग मिलावटखोरों को सख्त सजा नहीं दिला पा रहा।
इसी वजह से व्यापारी पकड़े जाने पर जुर्माना भर देते हैं और मिलावट के कारोबार में दोबारा जुट जाते हैं। सीकर-नीमकाथाना में 1 जनवरी 2023 से 31 अगस्त 2024 तक स्वास्थ्य विभाग ने खाद्य पदार्थों के 1078 सैंपल लिए। इनमें से 1037 की रिपोर्ट आ चुकी है और 212 सैंपल फेल मिले। इनमें 167 सैंपल सब स्टैंडर्ड, 31 सैंपल मिस ब्रांड और 14 सैंपल अनसेफ मिले।
यानी ये पदार्थ खाने योग्य नहीं थे। स्वास्थ्य विभाग ने मिलावटखोरों को नोटिस इश्यू किए, लेकिन सख्त सजा नहीं दिला पाया। विभाग ने 20 माह में सेफ्टी एक्ट के तहत 185 परिवाद एडीएम कोर्ट में पेश किए। एडीएम ने 105 मामले निबटाते हुए 17.92 लाख का जुर्माना लगाया।